Uniform Civil Code: उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जहां समान नागरिक संहिता लागू हो गई है। इसे 11 मार्च, 2024 को लागू किया गया था। आज हम आपको बताएंगे कि आखिर समान नागरिक संहिता क्या है और देशभर में समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद क्या-क्या बदलाव होंगे। यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब है कि हर धर्म, जाति, संप्रदाय, वर्ग के लिए पूरे देश में एक ही नियम होगा। दूसरे शब्दों में कहें तो समान नागरिक संहिता का मतलब है कि पूरे देश के लिए एक समान कानून के साथ ही सभी धार्मिक समुदायों के लिये विवाह, तलाक, विरासत, गोद लेने के नियम एक समान ही होना।
जैसे अपनी अलग-अलग धर्मों के नियम लोग मानते हैं, लेकिन यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने के बाद सभी धर्मों, जाति के लोगों के लिए जन्म से लेकर मृत्यु तक सभी नियम सामान होंगे। बता दें कि संविधान के अनुच्छेद-44 में सभी नागरिकों के लिए समान कानून लागू करने की बात है अनुच्छेद 44 संविधान के नीति निर्देशक तत्वों में शामिल है इस अनुच्छेद का उद्देश्य संविधान की प्रस्तावना में ‘धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य’ के सिद्धांत का पालन करना है भारत में सभी नागरिकों के लिए एक समान ‘आपराधिक संहिता’ है, लेकिन समान नागरिक कानून नहीं है।
किस राज्य में लागू है यूनिफॉर्म सिविल कोड
समान नागरिक संहिता सिर्फ उत्तराखंड और गोवा में है बता दें कि संविधान में गोवा को विशेष राज्य का दर्जा दिया गया है वहीं, गोवा को पुर्तगाली सिविल कोड लागू करने का अधिकार भी मिला हुआ है राज्य में सभी धर्म और जातियों के लिए फैमिली लॉ लागू है। इसके मुताबिक, सभी धर्म, जाति, संप्रदाय और वर्ग से जुड़े लोगों के लिए शादी, तलाक, उत्तराधिकार, गोद लेने के नियम के लिए कानून समान हैं गोवा में कोई भी ट्रिपल तलाक नहीं दे सकता है इतना ही नहीं रजिस्ट्रेशन कराए बिना वहां शादी कानूनी तौर पर मान्य नहीं होगी और संपत्ति पर पति-पत्नी का समान अधिकार होगा।
इन देशों में लागू है यूसीसी
विश्व के कई देशों में समान नागरिक संहिता की लागू है इसमें हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान और बांग्लादेश भी शामिल हैं। इन दोनों देशों में सभी धर्म और संप्रदाय के लोगों पर शरिया पर आधारित एक समान कानून लागू होता है। इसके अतिरिक्त, इजरायल, जापान, फ्रांस, और रूस जैसे देशों में भी समान नागरिक संहिता लागू है। यूरोपीय देशों और अमेरिका में धर्मनिरपेक्ष कानून है, जो सभी धर्म के लोगों पर समान रूप से लागू होता है। दुनिया के अधिकांश इस्लामिक देशों में शरिया पर आधारित एक समान कानून है, जो वहां रहने वाले सभी धर्म के लोगों को समान रूप से लागू होता है।
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