ADR Report: भारत जैसे देश में जिसे डेमोक्रेसी की जननी कहा जाता है. हम जहां बड़े गर्व से कहते हैं मदर ऑफ डेमोक्रेसी वहीं इसी भारत के राजनेताओं पर कुछ ऐसे आरोप हैं जिसे सुन आप भी सोच में पड़ सकते हैं की क्या सच में हम वोट सही को देते हैं. अक्सर अपने गांव में अपने बड़े बूढ़ों से सुना होगा कि राजनीति करना हर किसी की बात नहीं, ये सब तो बाबू लोग जाने, हमे तो बस वोट देने जाना है. ये कुछ ऐसी बातें हैं जो पहले के भारत में भी थी और अब में भी है. इसमें ये कह सकते हैं की पहले के बनिस्बत यूथ्स को यानी युवाओं को राजनीति में खासा दिलचस्पी आया है. लेकिन बतौर वोटर आप हो या हम वोट देने से पहले क्या ये सोचते हैं की जो इंसान देश के सदन में मेरी आवाज बनेगा क्या वो मेरी आवाज बनने लायक है या नहीं?
रिपोर्ट में क्या है?
चुनाव में खड़े हो रहे प्रत्याशियों को अपना ब्यूरो देना होता है. जिसमे ये भी बताना होता है की उन पर कितने केस चल रहे हैं. इसके साथ ही उन्हें पेपर में भी लिखित तौर पर देना होता है. हैरत की बात ये है की इस क्रिमिनल राजनीति के साए से कोई पार्टी भी बची नही है. चाहे हम दक्षिण भारत को देखे या उत्तर. हाल ही में ADR यानी के एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (ADR) ने अपने रिपोर्ट में बताया की चुनाव के पहले चरण में जहां वोट पड़ने है उन कुल 1625 उम्मीदवारों में से 16 फीसदी उम्मीदवार ऐसे हैं जो दागी है. यानी की इनपर क्रिमिनल केस का मामला चल रहा है. वहीं इसी रिपोर्ट में ये भी कहा गया है की इसी में 28 फीसदी उम्मीदवार ऐसे हैं जो करोड़पति हैं. एडीआर की ये रिपोर्ट कुल 1618 उम्मीदवारों के विश्लेषण के बाद आई है.
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दर्ज है ये कैसे
इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है की पहले चरण की 102 सेटों में 42 सीट ऐसी है जहां 2 या 3 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनपर सीरियस क्रिमिनल केस चल रहा है. एडीआर ने बताया है कि 1,618 में से 16 फीसदी यानी 252 उम्मीदवार ऐसे हैं, जिनपर क्रिमिनल केस दर्ज हैं.
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