Rajasthan Politics News: 2018 में राजस्थान में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी ने राजस्थान में पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई थी। पार्टी को जीत दिलाने के बाद अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री तथा सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री के रूप में तोहफा मिला। लेकिन कुछ ही दिनों के बाद दोनों वरिष्ठ नेताओं के बीच सियासी अनबन शुरू हो गई थी। वर्ष 2020 में दोनों नेताओं के बीच सीएम की कुर्सी के लिए सियासी संघर्ष देखने को मिला। जबरदस्त सियासी बवाल के बाद दिल्ली से जयपुर पहुंची पर्यवेक्षकों की टीम जिसकी अगुवाई प्रियंका गांधी कर रही थी। और रणदीप सुरजेवाला व अजय माकन सहयोगी थे। इन शीर्ष नेताओं ने अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच संघर्ष की वजह जानी और उसके बाद लड़ाई शांत हो गई। हालांकि नंबर गेम में सचिन पायलट अशोक गहलोत के साथ सियासी कुश्ती हार गये थे।
बीते दिनों दिल्ली में हुई थी कांग्रेस की बैठक
बीते दिनों दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय पर वरिष्ठ नेताओं में मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, सुखजिंदर सिंह रंधावा, सचिन पायलट जैसे तमाम राजनेताओं की दिल्ली में बैठक हुई। जिसके बाद निर्णय लिया कि आने वाले चुनावों में पार्टी एकजुट होकर चुनावी मैदान में उतरेगी।
सचिन पायलट ने कही ये बड़ी बातें
सचिन पायलट ने कहा कि कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व के साथ हुई हालिया बैठक में सकारात्मक चर्चा हुई। काफी देर तक चली इस व्यापक बैठक में आने वाले चुनावों के बारे में विस्तार से चर्चा हुई। जिसका उद्देश्य कांग्रेस सरकार की फिर से वापसी करवाना है। 25 सालों से चल रही एक बार भाजपा एक बार कांग्रेस की परिपाटी को तोड़कर हम 2023 में एक बार फिर से सरकार दोहराने का मिलकर प्रयास करेंगे। और जिसके परिणाम हमें आने वाले समय में देखने पड़ेंगे।