21वीं सदी में भारत के इस गांव में जला उम्मीद का पहला BULB, 77 साल से लोग कर रहे थे इंतजार

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Electricity in Elmagund Village: भारत का एक ऐसा गांव जहां आज़ादी के 77 वर्षों के बाद भी विकास नहीं पहुंची थी. भारत का एक कोना जहां आज भी सूर्य के ढलने के साथ ज़िंदगी अंधेरी हो जाती हो. जहां के लोग 21वीं सदी के इस आधुनिक दुनिया में भी बिजली क्या होती है, उसको नहीं जानते थे. आज़ादी के पूर्व संध्या उस गांव में बिजली पहुंची है, गांव के सभी घरो में एक साथ बल्ब जले और गांव अब रोशन है।

दरअसल छत्तीसगढ़ के नक्सली प्रभावित सुकमा जिला के एल्मागुंडा गांव में आजतक बिजली नहीं पहुंची थी. परंतु अब पूरा गांव रोशन है और खुश है।

जब गांव में पंहुचा विकास

गौरतलब है की नक्सली इलाका होने के कारण विकास के पहुंचने में बहुत देर जरूर हुई. परंतु जब विकास पंहुचा तब ग्रामीणों के आखों से ख़ुशी के आंसू आ गए. जिनको शब्दों में लिख पाना और बता पाना कठिन है. ये कार्य सिर्फ छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जिला पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कोशिशों की वजह से संभव हो पाया है।

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ग्रामीणों के जीवन आएगी बदलाव 

बिजली पहुंचने के बाद अब लोगों के ज़िन्दगी में अहम बदलाव आएगा, अब वो वहां के लोग देश के मुख़्यद्धारा से जुड़ पाएंगे. सुकमा जिले के पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने बताया कि नक्सलवाद से प्रभावित इस इलाके में अब विकास की नई लहर आएगी. उन्होंने कहा कि बच्चों को बेहतर शिक्षा मिलने की सुविधा बढ़ जाएगी. वहीं बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने बताया कि दूसरे गावों के सुरक्षा में भी यह गांव अब अहम भूमिका निभाएगा।

दरअसल ये कहानी सिर्फ एक गांव की थी हिंदुस्तान में ऐसे सैकड़ो गांव है, जहां पर विकास अभी भी नहीं पंहुचा है. वहां की जनता आज भी सरकार के विकास का राह देख रही है।

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