Delhi ordinance row: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (संशोधन) विधेयक गुरुवार को लोकसभा में पारित हो गया है. अब इस विधेयक को राज्यसभा में पेश किया जायेगा, माना जा रहा है कि ये विधेयक सोमवार को राज्यसभा में पारित हो जायेगा।
लोकसभा में बिल पारित होने से पहले पक्ष और विपक्ष के बीच 4 घंटो तक लंबी और तीखी बहस चली. बहस के दौरान दोनों तरफ से वार-पलटवार किया गया. जिसमे विपक्ष ने इस बिल को संघीय ढांचे को कमजोर करने का आरोप लगाया, वही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि विपक्ष को ये डर है की अगर वो इस बिल का विरोध नहीं करेंगे तो केजरीवाल उनका साथ छोड़ देंगे।
क्या होगा राज्यसभा में?
राज्यसभा में इस विधेयक को सोमवार को पेश किया जा सकता है. मोदी सरकार के लिए इस विधेयक को राज्यसभा में पारित कराना बड़ी चुनौती नहीं है, क्योंकि राज्यसभा में एनडीए के पास काफी संख्याबल है. इस वजह से वो मजबूत स्थिति में है. वही वाईएसआर कांग्रेस और बीजू जनता दल ने भी इस मुद्दे पर सरकार को समर्थन कर दिया है.
इस समय राज्यसभा की कुल संख्या 238 है. विधेयक को पारित करने के लिए 119 सदस्यों के वोट की जरुरत है. विपक्षी खेमे के पास 110 से भी कम सांसदों का समर्थन है. वहीं सरकार के पास अभी तक 121 सदस्यों का समर्थन है.
दरअसल इस बिल के लागु होने के बाद दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग का सारा अधिकार दिल्ली के उपराज्यपाल के हाथ में आ जाएगा. दिल्ली सरकार के पास सिर्फ सिफारिश करने का अधिकार बच जाएगा।
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