साल 1999 की वो एक रात जब नहीं उठाया था अटल बिहारी वाजपेयी ने फोन, फिर एक जवाब में हिला दी थी दुनिया
व्यक्तित्व महानता की कहानी कहते …जिसकी मुस्कान में एक शक्तिशाली प्रहार की पूर्व-चेतना है…जो अपने दोस्त के लिए अपनी जान देने से भी नहीं हिचकिचाते….जो दुश्मन का सीना तान कर मुकाबला करता है…जिसका नाम सुनकर शत्रु भय से काँपने लगते हैं…धोती कुर्ता बुनने वाले इस शख्स का पूरी दुनिया सम्मान करती है। अमेरिका जैसे ताकतवर देश का राष्ट्रपति भी इस बेशर्म शख्स से डरता है..अमेरिका को 1999 की रात में जवाब मिल गया….उस दिन अटल बिहारी बाजपेयी को पता था कि उन्हें क्या करना है….रात 1999 ईं की थी जब पूरा देश विचार शून्यता की नींद सो रहा था…और ठीक आधी रात को भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी का फोन बजा….पहली घंटी बजने पर अटल फोन नहीं उठाते…जब फोन फिर से बजा, तो उन्होंने जाकर उसे उठा लिया… फोन के दूसरी तरफ अमेरिका के शक्तिशाली देश के तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन थे….बिल क्लिंटन ने अटल से कहा कि भारत के लिए एक बुरी खबर है…पाकिस्तान के मुशर्रफ कह रहे हैं कि भारत पर परमाणु हथियारों से हमला होगा. भारत को बर्बाद कर देंगे और यह सुनकर लोहे के संदूक में रहने वाले अटल ने ऐसा जवाब दिया कि बिल क्लिंटन भी डर के मारे चुप हो गए. अटल ने कहा, ‘जाकर पाकिस्तान से कह दो, मैं अपने 25 फीसदी भारतीयों को खोने को तैयार हूं।’लेकिन पाकिस्तान कल का सूरज नहीं देख पाएगा….मैं पूरे पाकिस्तान को तबाह कर दूंगा। पाकिस्तान दुनिया के नक्शे से पूरी तरह से मिट जाएगा। फोन के दूसरी तरफ बिल क्लिंटन थे और यह सुनकर उन्होंने फोन रख दिया। वह उसी दिन भारत के शेर की दहाड़ जान गए….तो अटल व्यक्तित्व के धनी व्यक्ति हैं जिनकी मुस्कान परमाणु बम का सामना करने की ताकत रखती है। उनके शब्दों में परमाणु हमला रहता है। गैर-मध्यस्थता की राजनीति में विश्वास रखने वाले इस राजनेता ने अपने जीवन में कभी मनमानी नहीं की। उन्होंने सत्ता हासिल करने के लिए लोकतंत्र को कभी परेशान नहीं किया…कटु वचनों में विश्वास न करने वाले अटल सदैव मुस्कराकर और खुले मन से उत्तर देते हैं। कम उम्र में आरएसएस में शामिल हो गए और उदारवाद,सहिष्णुता और सम्मान के असली कारण को समझ गए। जो उनके राजनीतिक जीवन में काफी काम आया। उनके जैसा राजनेता भारत में मिलना नामुमकिन है।