Taj Mahal: दुनिया के सात अजूबों में से एक ताज महल की सुरक्षा को देखते हुए नए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं. दरअसल अमेरिकी नौसेना सचिव और वियतनाम के रक्षा मंत्री सहित वीआईपी को ले जाने वाले फर्जी गाइडों के कई मामले सामने आने के बाद ऐसा किया गया है. अब नई दिशानिर्देश के तहत वीआईपी टूर का प्रबंधन करने वाली एजेंसियों को टूर के लिए गाइड की नियुक्ति से 24 घंटे पहले जिला प्रशासन की अनुमति लेना अनिवार्य है. वहीं अधिकारी पहले नियुक्त किए गए गाइड की जांच करेंगे, इसके बाद उप-विभागीय मजिस्ट्रेट की अनुमति के बाद ही गाइड नियुक्त किए जाएंगे. इस मामले पर एसडीएम (ताज सुरक्षा) अभय सिंह ने चेतावनी देते हुए कहा कि नए प्रोटोकॉल का उल्लंघन होने पर गाइड और ट्रैवल एजेंसी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
अमेरिकी नौसेना सचिव के सुरक्षा में हुई थी चूक
दरअसल 9 अक्टूबर को अमेरिकी नौसेना सचिव कार्लोस डेल टोरो की यात्रा के दौरान एक फर्जी गाइड ने उनको ताज घुमाया था. जिसके बाद आगरा के एक फर्जी गाइड असद आलम खान के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. बता दें कि घटना के बाद टूरिस्ट गाइड्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक दान ने रक्षा मंत्रालय में शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने कहा कि हम इस मामले को वीआईपी सुरक्षा में उल्लंघन और सरकारी काम में बाधा मानेंगे.
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फर्जी गाइड्स के खिलाफ होगी करवाई
बता दें कि इस मामले पर पर्यटन विभाग ने जब जांच की तो पता चला कि असद एक फेरीवाला है. उसने फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके गाइड के रूप में काम करता था. दरअसल साल की शुरुआत में वियतनाम के रक्षा मंत्री जनरल फान वान गियांग को भी ताज महल की यात्रा के दौरान एक बिना लाइसेंस वाले गाइड द्वारा ले जाया गया था. वहीं इसी साल अगस्त में भी एक धोखेबाज गाइड ने अल साल्वाडोर से 36-सदस्यीय हाई लेवल प्रतिनिधिमंडल को स्मारक तक पहुंचाया था.
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