Delhi High Court का हैरान करने वाला फैसला, कहा- पति का दूसरी महिला के साथ रहना गलत नहीं
Delhi High Court: जब शादी में तनाव हो तो पत्नी या पति का किसी दूसरे पार्टनर के साथ रहना कानून के मुताबिक सही नहीं माना जाता है. लेकिन ऐसे ही एक मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने पति को सही ठहराया. साथ ही इस कृत्य को पत्नी के प्रति क्रूरता नहीं माना गया. बता दें कि कोर्ट ने मानवीय पहलू को ध्यान में रखते हुए यह फैसला सुनाया है. आईपीसी की धारा 494 में हिंदू विवाह अधिनियम के अनुसार, किसी भी पुरुष या महिला के लिए अपने पति या पत्नी के जीवित रहते हुए दूसरी शादी करना अपराध है.
क्या है पूरा मामला?
दिल्ली हाईकोर्ट में एक महिला ने अपने पति के खिलाफ आरोप लगाया कि उसका पति किसी दूसरी महिला के साथ रहता है. महिला की शादी साल 2003 में हुई थी परंतु दोनों 2005 से अलग रहने लगे थे. वहीं पति ने ये आरोप लगाते हुए बताया कि पत्नी ने उसके साथ क्रूरता की है और अपने भाई और रिश्तेदारों से उसकी पिटाई भी करवाई. पत्नी ने पति पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसके घरवालों ने उनकी शादी भव्य तरीके से की थी. इसके बावजूद पति ने उसके परिवार से कई तरह की डिमांड की है.
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अदालत ने क्यों सुनाया ये फैसला?
केस की सुनवाई के वक्त ये सामने आया था की दोनों कई सालों से अलग-अलग रह रहे हैं. इस बीच पति किसी अन्य महिला के साथ रहनें लगा. इस स्थिति में दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि अगर कोई जोड़ा काफी समय से एक-दूसरे के साथ नहीं रहता है और उन दोनों के फिर से मिलने की कोई संभावना नहीं है. ऐसे में पति को किसी अन्य महिला के साथ सुकून और शांति से रहने लगा है तो इसे क्रूरता नहीं कहा जा सकता है.
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