Anantnag Encounter के फौलादी शहीदों की कहानी, कोई था इकलौता भाई तो किसी ने खोया पिता का साथ

0

Anantnag Encounter: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के कोकेरनाग इलाके के ऊंचे इलाकों में सुरक्षा बलों की आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ हो गई. जिसमें सेना के कर्नल मनप्रीत सिंह, बटालियन कमांडिंग मेजर आशीष धोनैक और जम्मू-कश्मीर पुलिस के DSP हुमायूं भट्ट शहीद हो गए. पूरा देश इन वीर जवानों की शहादत से गमगीन हो गया है.
अनंतनाग में सर्च ऑपरेशन के समय आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर गोलीयां चला दी. अब सेना और पुलिस दोनों की टीम पाकिस्तानी आतंकवादियों के सफाए के लिए ऑपरेशन चला रही है, जो उनके मारे जाने तक जारी रहेगा. हालांकि मुठभेड़ में दो आतंकी भी मारे गए हैं.

कौन थे कर्नल मनप्रीत सिंह?

कर्नल मनप्रीत सिंह अपने परिवार में दूसरी पीढ़ी के सैनिक थे, उनके पिता एक एक गैर-कमीशन अधीकारी के तौर पर सेना में काम कर चुके है. बता दें कि कर्नल मनप्रीत सिंह 19 राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. कर्नल मनप्रीत सिंह आने वाले चार महीने में आरआर के साथ अपना कार्यकाल पूरा करने वाले थे. अंतिम संस्कार के लिए उनके पार्थिव शरीर को चंडीगढ़ लाया जा रहा है. उन्हें 2021 में वीरता के लिए सेना पदक से सम्मानित भी किया गया. कर्नल मनप्रीत सिंह चंडीगढ़ के पास पंजाब के एक छोटे से गाँव भारोनजियन के रहने वाले थे. उनका परिवार डीएलएफ, न्यू चंडीगढ़ में रह रहा था. उनके परिवार में उनकी पत्नी जगमीत ग्रेवाल हैं, जो हरियाणा शिक्षा विभाग में अर्थशास्त्र की लेकचरार है. उनके दो बच्चे है- एक 6 साल का बेटा और दो साल की बेटी.

ये भी पढ़ें-  बंद कमरे में अकेले देख सकते हैं PORN, Kerala High Court ने सुनाया बड़ा फैसला, माता-पिता को दी चेतवानी

तीन बहनों का इकलौता भाई था मेजर आशीष?

बता दें कि अनंतनाग में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद होने वाले मेजर आशीष धोनैक 19 राष्ट्रीय राइफल्स (RR) में मेजर थे. तीन बहनों के बीच इकलौता भाई था मेजर आशीष. उनकी भी 2 साल की बेटी है. मेजर आशीष धोनैक हरियाण के पानीपत जिले के रहने वाले थे. मेजर आशीष मूल रूप से गांव (पानीपत) बिंझौल के निवासी थे. हाल ही में मेजर आशीष का परिवार पानीपत के सेक्टर-7 में रह रहा है.जवान की शहादत के बाद परिवार में मातम का माहौल है. वहीं, इसी साल मेजर आशीष को सेना मेडल से सम्मानित किया जाना था. लेकिन उनके सीने पर यह मेडल लगता, उससे पहले ही वो देश के लिए शहीद हो गए.

दो महीने पहले ही पिता बने थे हुमायूं?

अनंतनाग में हुए एनकाउंटर में देश के लिए शहीद होने वाले जम्मू कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं भट्ट पूर्व आईजी गुलाम हसन भट्ट के साहबजादे हैं. बता दें कि डीएसपी हुमायूं 2 महीने एक बेटी के पिता बने थे. दो महीने पहले ही उनकी पत्नी ने एक बेटी को जन्म दिया है. इस मुठभेड़ में गोली लगने के बाद काफी खून ज्यादा बहने की वजह से उनकी जान चली गई.

ये भी पढ़ें- Asian Games: मेडल न जीतने पर भी खिलाड़ी होंगे मालामाल, हर प्रतिभागी को लखपति बनाएगी Odisha सरकार

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘Saugandh TV’ को अभी subscribe करें. आप हमें FACEBOOKऔर INSTAGRAM पर भी फॉलो कर सकते हैं. 

आपको यह भी पसंद आ सकता है
Leave A Reply

Your email address will not be published.