Women Reservation Bill पर संसद में Sonia Gandhi का बयान, कहा- स्त्री के धैर्य को समझना मुश्किल
Sonia Gandhi in Parliament: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नई संसद में पहली बार भाषण दिया है. अपने भाषण के दौरान उन्होंने महिला आरक्षण बिल पर बात रखी है. सोनिया गांधी ने कहा कि मैं इस बिल के समर्थन में हूं. कांग्रेस की ओर से मैं ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023’ के समर्थन में खड़ी हूं. बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को महिला आरक्षण बिल को ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ के तौर पर नया नाम दिया है.
दरअसल सोनिया गांधी ने अपने भाषण में कहा कि भारतीय नारी ने सबकी भलाई के लिए काम किया है. किसी भी स्त्री के धैर्य का अंदाजा लगाना बेहद ही मुश्किल भरा काम है. उन्होंने आगे कहा कि समंदर की तरह महिलाओं में धीरज होता है. भले ही सरकार की तरफ से इस बिल को पेश किया गया है, मगर कहीं न कहीं कांग्रेस इसका श्रेय लेने की कोशिश कर रही है. सोनिया ने भी अपने भाषण में इस बात का जिक्र किया है.
बिना देरी के बिल को अमल में लाया जाए
दरअसल अपने भाषण के दौरान सोनिया ने कहा कि इस बिल को बिना देरी के अमल में लाया जाए. अगर इस बिल को तुरंत नहीं लाया जाता है, तो इसकी वजह से महिलाओं के साथ अन्याय होगा. उन्होंने कहा कि इस बिल को सबसे पहले पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी लेकर आए थे. उस वक्त ये बिल राज्यसभा में सात वोटों से गिर गया था, यह बिल राजीव गांधी का सपना था.
LIVE: Smt Sonia Gandhi ji speaks on the Women's Reservation Bill in Parliament. https://t.co/5hvzwf9LL4
— Congress (@INCIndia) September 20, 2023
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस इस बिल का पूर्ण समर्थन करती है, इस बिल के पारित होने से हमें खुशी है. मैं एक सवाल पूछना चाहती हूं कि पिछले 13 वर्षों से भारतीय स्त्रियां अपनी राजनीतिक जिम्मेदारी का इंतजार कर रही थीं. अब उन्हें कुछ और वर्ष इंतजार करने को कहा जा रहा है. उन्हें कितने साल इंतजार करना होगा, एक, दो, चार या आठ साल, आखिर उन्हें कितना इंतजार करना होगा. क्या भारत की महिलाओं के साथ ये बर्ताव उचित है.
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पिछड़े तबके के महिलाओं के आरक्षण के लिए उठाया मुद्दा
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया ने कहा कि कांग्रेस की मांग है कि इस बिल को अमल में तुरंत लाया जाए. परंतु इसके साथ ही जातीय जनगणना कराकर अनूसूचित जाति, अनूसूचित जनजाति और पिछड़ी जाति की महिलाओं के भी आरक्षण की व्यवस्था की जाए. सरकार को इस कदम को उठाने के लिए जो जरूरत है, वो उस पर अमल करे. मैं मांग करती हूं कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम के रास्ते में आने वाली सभी रुकावटों को दूर करते हुए उसे जल्द से जल्द लागू किया जाए.
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