SIR controversy in Bihar: तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार के बीच गरमागरम बहस

बिहार विधानसभा में एक बार फिर सियासी तापमान चढ़ गया है। इस बार बहस का केंद्र बना है स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR), यानी वोटर लिस्ट रिवीजन का मामला। इस मुद्दे को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। विधानसभा में दोनों नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला इस कदर बढ़ गया कि सदन का माहौल बेहद गरम हो गया।

0

SIR controversy in Bihar: तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि SIR के तहत वोटर लिस्ट में व्यापक गड़बड़ी की जा रही है, और यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग द्वारा दाखिल हलफनामे का हवाला देते हुए सरकार पर गंभीर सवाल उठाए। तेजस्वी ने कहा कि सरकार वोटर लिस्ट में जानबूझकर बदलाव कर रही है ताकि 2025 के चुनावों को प्रभावित किया जा सके।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तेजस्वी के आरोपों पर कड़ा जवाब दिया। उन्होंने न केवल आरोपों को खारिज किया, बल्कि तेजस्वी को उनके पिता लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल की याद दिलाते हुए कहा कि “हमारे समय में कानून का राज रहा है, न कि जंगलराज।” नीतीश ने यह भी कहा कि वर्तमान सरकार की मंशा पारदर्शिता और निष्पक्षता की है, और SIR की प्रक्रिया पूरी तरह संवैधानिक है।

SIR controversy in Bihar: यह विवाद ऐसे समय पर सामने आया है जब बिहार की सियासत 2025 के विधानसभा चुनावों को लेकर पहले ही गर्म है। विपक्ष सरकार पर लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने का आरोप लगा रहा है, वहीं सरकार खुद को सुशासन और विकास की मिसाल बताने में जुटी है।

निष्कर्षतः SIR पर छिड़ी यह बहस केवल तकनीकी प्रक्रिया तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह राज्य की सियासी लड़ाई का नया मोर्चा बन चुकी है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा और अधिक गरमाएगा, जिससे यह स्पष्ट है कि बिहार की राजनीति एक बार फिर से निर्णायक मोड़ पर है।

आपको यह भी पसंद आ सकता है
Leave A Reply

Your email address will not be published.