चीन सीमा के साथ-साथ भारत बनाएगा 1500 किलोमीटर लंबा हाईवे, सिक्किम के सीएम ने की घोषणा
Sikkim News: अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने गुरुवार को कहा, कि राज्य सरकार 1,500 किलोमीटर लंबी सड़क बनाने की योजना बना रही है. जिसे फ्रंटियर हाईवे के रूप में जाना जाएगा. वहीं, राज्य के दूरदराज के हिस्सों को जोड़ने के लिए 1,000 किलोमीटर अतिरिक्त सड़क बनाने की योजना है. सीएम पेमा खांडू ने कहा, “अरुणाचल प्रदेश सरकार 1,500 किलोमीटर लंबी सड़क बनाने की योजना बना रही है.” उन्होंने कहा, कि पूरे प्रोजेक्ट पर करीब 40,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी.
भारत-तिब्बत-चीन-म्यांमार सीमा जोड़ने की परियोजन
सीएम पेमा खांडू ने कहा, कि इस “भविष्यवादी राजमार्ग” का निर्माण “भारत-तिब्बत-चीन-म्यांमार” सीमा पर किया जाएगा. उन्होंने कहा, कि सड़क परियोजना वास्तविक नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से करीब 20 किमी दूर होगी. उन्होंने कहा, तवांग, मागो अपर सुबनसिरी, अपर सियांग, मेचुका, तूतिंग, दिबांग वैली, किबिथू, चांगलांग और डोंग को भी सड़क के कुछ हिस्सों से जोड़ा जाएगा.
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राज्य को चारों तरफ से जोड़ेगा प्रोजेक्ट
योजना के अनुसार, सड़क निर्माणाधीन ट्रांस-अरुणाचल राजमार्ग से भी जुड़ेगी. जो लगभग 1,811 किलोमीटर लंबा दो-तरफ़ा राष्ट्रीय राजमार्ग मानक ट्रंक मार्ग है. जो अरुणाचल प्रदेश के उत्तर-पश्चिमी सिरे पर तवांग को दक्षिण में कनुबारी से जोड़ता है. राज्य का पूर्वी छोर और अंत में असम में डिब्रूगढ़ के पास बोगीबील पुल के करीब, अकाजन के पास NH-52 पर समाप्त होता है. इसके अलावा, सीमावर्ती क्षेत्रों में सशस्त्र बलों और उपकरणों की निर्बाध आवाजाही के लिए जिला मुख्यालयों, महत्वपूर्ण स्थानों और कुछ गांवों को जोड़ने के लिए 1,000 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण किया जाएगा.
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