Sheetal Devi को राष्ट्रपति ने किया अर्जुन अवार्ड से सम्मानित, 16 साल की उम्र में दुनिया में मनवाया अपना लोहा
Sheetal Devi: भारतीय खेलों में योगदान के लिए आज राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नेशनल स्पोर्ट्स अवॉर्ड का वितरण किया है. जिसमें क्रिकेटर मोहम्मद शमी, पैरा तीरंदाज शीतल देवी समेत 22 खिलाड़ियों को अर्जुन अवार्ड से नवाजा गया है. साथ ही बैडमिंटन खिलाडी सात्विक और चिराग को खेल रत्न पुरस्कार से नवाजा गया. वहीं द्रोणाचार्य अवॉर्ड से 5 कोच को सम्मानित किया गया है. गौरतलैब है की एशियाई पैरा गेम्स 2023 में जम्मू कश्मीर की होनहार बेटी शीतल देवी ने पैरा तीरंदाजी में स्वर्ण पदक जीता था. आइए जानते है सोलह साल की आयु में पदक जीतने वाली शीतल देवी के बारे में.
कौन हैं शीतल देवी?
बता दें कि पैरा तीरंदाज शीतल देवी का जन्म जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के लोई धार गांव में एक गरीब परिवार में हुआ था. शीतल के पिता किसान हैं और मां बकरियां संभालती हैं. वहीं चीन के हांगझाऊ में आयोजित एशियाई पैरा खेलों में 16 वर्षीय शीतल ने दो स्वर्ण समेत तीन मेडल जीतकर इतिहास रच दिया. दरअसल, एक ही संस्करण में दो स्वर्ण जीतने वाली वह पहली भारतीय महिला हैं. गौरतलब है कि शीतल देवी के दोनों हाथ जन्म से ही नहीं हैं. शीतल जन्म से ही फोकोमेलिया नाम की बीमारी से पीड़ित हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बिना हाथों के प्रतिस्पर्धा करने वाली पहली तीरंदाज भी हैं.
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Congratulations to Sheetal Devi from Kishtwar, Jammu & Kashmir, for receiving the prestigious #ArjunaAward at the National Sports Awards. Proud moment for the entire region. Well done and best wishes to Sheetal Devi on this remarkable achievement! https://t.co/2HT1otOnBc pic.twitter.com/XysFEI4yah
— Anju Yaduvanshi (@anjuydv) January 9, 2024
दिव्यांगता नहीं बन पाया अभिशाप
बता दें कि शीतल देवी ट्रेनिंग के शुरुआती दिनों में धनुष तक नहीं उठा पाती थीं. परंतु अभ्यास के दौरान उन्होंने दाएं पैर से धनुष उठाने का प्रयास किया. जिसके बाद दो साल की कड़ी ट्रेनिंग के बदौलत जीत का परचम लहराया. बतौर तीरंदाज उन्होंने 2021 में अपने करियर की शुरुआत की. शीतल देवी ने पहली बार किश्तवाड़ में भारतीय सेना की एक युवा प्रतियोगिता में हिस्सा लिया. इसके बाद उनके लिए एक विशेष धनुष तैयार कराया गया, ताकि वह पैर से आसानी से धनुष उठा सकें और कंधे से तीर को खींच सकें. इस प्रतिभा को तैयार करने में कोच अभिलाषा चौधरी और कुलदीप वेदवान का हाथ है. गौरतलब है की पैरा तीरंदाजी चैंपियनशिप में शीतल ने दो गोल्ड और एक सिल्वर हासिल किया.
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