वीर सावरकर के पौत्र का बड़ा खुलासा, कहा- नाथूराम गोडसे केवल एक मोहरा थे…

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Savarkar Grandson Claim: विनायक दामोदर सावरकर के पौत्र रंजीत सावरकर ने एक विवादास्पद दावा किया है। उनका कहना है कि नाथूराम गोडसे केवल एक मोहरा थे और उन्होंने महात्मा गांधी पर गोली नहीं चलायी थी। रंजीत सावरकर ने अपनी पुस्तक मेक ए श्योर गांधी इस डेड में इस दावे को आधारहीन बताया है। उन्होंने कहा कि फोरेंसिक साक्ष्य दर्शाते हैं कि गोली गोडसे के हाथ से नहीं चली थी। इस हत्या में किसी और का हाथ हो सकता है। इस दावे का समर्थन करने के लिए प्रामाणिक साक्ष्य उपलब्ध हैं।

वीर सावरकर लेने वाले थे सन्यास

रणजीत सावरकर ने वीर सावरकर के सन्यास लेने की इच्छा और देश के लिए खुद को समर्पित करने के बारे में एक बयान दिया था। रणजीत ने कहा था कि वीर सावरकर सन्यास लेने वाले थे, लेकिन उन्होंने देश के लिए अपना जीवन समर्पित करने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि वीर सावरकर ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उन्होंने देश को स्वतंत्रता दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। रणजीत ने यह भी कहा कि वीर सावरकर एक महान क्रांतिकारी, विचारक और सामाजिक सुधारक थे।

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छुआछूत के खिलाफ आंदोलन सावरकर ने ही किया शुरू

सावरकर के पोते रानाजी सावरकर ने यह बात कही थी कि छूआछूत के उन्मूलन पर गंभीरता से आंदोलन रत्नागिरि जेल में बंद रहने के दौरान ही सावरकर द्वारा शुरू किया गया था।उन्होंने बताया कि 1923 में जेल में रहते हुए सावरकर ने “अस्पृश्यता निवारण” नामक एक पुस्तक लिखी थी, जिसमें उन्होंने छुआछूत की कुप्रथा की कड़ी आलोचना की थी और इसके उन्मूलन के लिए एक विस्तृत योजना प्रस्तुत की थी। इसके अलावा, उन्होंने जेल में रहते हुए अस्पृश्य बच्चों को शिक्षा देने के लिए एक स्कूल भी स्थापित किया था और उन्हें मंदिरों में प्रवेश करने का अधिकार दिलाने के लिए एक अभियान भी चलाया था।

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