Sanatan Dharma: सनातन धर्म की ये महत्वपूर्ण बातें, जो हर हिंदू को पता होनी हैं ज़रूरी
Sanatan Dharma:सनातन धर्म में एसी कई बातें हैं जो हर व्यक्ति के जीवन को सही दिशा दिखाने के लिए बहुत ज़रूरी हैं। आज हम आपको कुछ ऐसी ही बातें बताने जा रहे हैं जिनको अगर अपने जीवन में उतार लिया जाए तो हम एक आदर्श जीवन जीने में सक्षम होंगे। ये बातें/जानकारी हैं तो बहुत सरल पर जीवन में उतारना इतना सरल नहीं, लेकिन अगर प्रयास किया जाए तो असंभव नहीं है।
10 कर्तव्य
संध्यावंदन, व्रत, तीर्थ, उत्सव, सेवा संस्कार, दान, यज्ञ, वेदपाठ, धर्म प्रचार।
10 दिशाएं
आमतौर पर हमें 4 दिशाएं बताई जाती हैं लेकिन वास्तव में होती 10 हैं- उर्ध्व, ईशान, पूर्व, आग्नेय, दक्षिण, नैऋत्य, पश्चिम, वायव्य, उत्तर और अधो।
10 यम-नियम
अहिंसा, सत्य, ब्रह्मचर्य, अस्तेय,अपरिग्रह, शौच, संतोष, तप, स्वाध्याय, ईश्वर-प्रणिधान।
10 पूजा के फूल
आंकड़ा, गेंदा, पारिजात, चंपा, कमल, गुलाब, चमेली, गुड़हल, कनेर, रजनीगंधा।
10 धार्मिक स्थल
12 ज्योतिर्लिंग, 51 शक्तिपीठ, 4 धाम, 7 पुरी, 7 नगरी, 4 मठ,आश्रम, 10 समाधि स्थल, 5 सरोवर, 10 पर्वत, 10 गुफाएं।
10 महाविद्या
काली, तारा, त्रिपुरसुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुरभैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी, कमला।
10 पवित्र पेय
चरणामृत, पंचामृत, पंचगव्य, सोमरस, अमृत, तुलसी रस, खीर, शहद रस, आंवला रस, नीम रस।
10 देवीय आत्मा
कामधेनु गाय, गरुड़, संपाति-जटायु, उच्चै:श्रवाअश्व, ऐरावत हाथी, शेषनाग-वासुकि, रीझ मानव, वानर मानव, यति, मकर।
10 सिद्धांत
ईश्वर एक ही है दूसरा नहीं, आत्मा अमर है, पुनर्जन्म मिलता है, जीवन का लक्ष्य मोक्ष ही है, कर्म का प्रभाव होता है और कर्म ही भाग्य को निर्धारित करते है, संस्कारबद्ध जीवन ही जीवन है, ब्रह्मांड अनित्य और परिवर्तनशील है, संध्यावंदन-ध्यान ही सत्य है, वेदपाठ और यज्ञकर्म ही धर्म है, दान ही पुण्य है।
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