Qatar द्वारा नौसैनिकों की सजा-ए-मौत के फैसले पर विदेश मंत्री पीड़ित परिवारों से मिले, बोले-कानूनी लड़ाई लड़कर जीतेंगे
S.Jayshankar: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को कतर में हिरासत में लिए गए आठ भारतीयों के परिवारों से मुलाकात की. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने उन परिवारों को आश्वासन दिया, कि सरकार कतर द्वारा बंदी बनाए गए नौसैनिकों की रिहाई के लिए सभी पुख्ता प्रयास करेगी. विदेश मंत्री ने कहा, कि सरकार हर मामले को “सर्वोच्च महत्व” देती है, और इस संबंध में परिवारों के साथ निकटता से समन्वय करेगी. और हमें उम्मीद है, कि वैश्विक स्तर के इस मुद्दे को कूटनीतिक तरीके से सुलझा लिया जाएगा.
कतर के फैसले से स्तब्ध भारत- विदेश मंत्रालय
कतर की अदालत द्वारा दोहा में हिरासत में लिए गए आठ पूर्व नौसेना अधिकारियों के लिए मौत की सज़ा का फैसला सुनाए जाने के बाद गहरी ठेस पहुंची है. विदेश मंत्रालय ने कहा, कि कतर के फैसले से “गहरा झटका” लगा है, और अब विस्तृत फैसले का इंतजार कर रहे है. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “हमारे पास प्रारंभिक जानकारी है, कि कतर की प्रथम श्रेणी की अदालत ने आज अल-दहरा कंपनी के 8 भारतीय कर्मचारियों से जुड़े मामले में फैसला सुनाया है.”
Met this morning with the families of the 8 Indians detained in Qatar.
Stressed that Government attaches the highest importance to the case. Fully share the concerns and pain of the families.
Underlined that Government will continue to make all efforts to secure their release.…
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) October 30, 2023
काऊंसलर एक्सेस जारी रखेगा भारत
विदेश मंत्रालय ने आगे कहा, कि यह मामला हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है. विदेश मंत्रालय इस पर कड़ी नजर रख रहे हैं. विदेश मंत्रालय की विज्ञप्ति में कहा गया है, “हम इस मामले को बहुत महत्व देते हैं और इस पर बारीकी से नजर रख रहे हैं. हम सभी काऊंसलर एक्सेस और कानूनी सहायता देना जारी रखेंगे. हम फैसले को कतर के अधिकारियों के समक्ष भी उठाएंगे.”
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