रूस ने तोड़ी खाद्य आपूर्ति संधि यूक्रेन समेत कई अफ्रीकी देशों को भी झेलना पड़ सकता है, खाद्य संकट
पिछले एक साल से भी अधिक समय से रूस और यूक्रेन के बीच युध्द लगातार जारी है। लेकिन इसी बीच रूस-यूक्रेन के बीच काला सागर से होने वाली खाद्य आपूर्ति संधि बरकरार थी। लेकिन रूस और अफ्रीकी देशों के बीच होने वाले 27-28 जुलाई को शिखर सम्मेलन से पहले रूस ने इस समझौते से अलग होने का फैसला किया है। जिसके बाद कई अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षक मानते है। कि रूस के द्वारा इस समझौते से अलग होने के कारण यूक्रेन समेत कई अफ्रीकी देशों में गहन आर्थिक संकट उत्पन्न हो सकता है।
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रूस बदल सकता है अपना फैसला?
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा, कि रूस अपने इस फैसले को वापिस एक ही सूरत में ले सकता है। कि यूरोपीयन देश रूस पर लगाए गए तमाम प्रतिबंधों को समाप्त करें। इस संकट को ख़त्म करने के लिए रूस पर पड़ रहे चारों तरफ से वैश्विक दबाव और कूटनीतिक प्रयासों के बाद रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने ये बात कही है। संयुक्त राष्ट्र ने, तुर्की, यूरोपीय संघ की अगुवाई में कई अफ़्रीकी देशों के साथ-साथ कई अन्य देशों ने भी रूसी अधिकारियों के साथ इस मुद्दे पर वार्ता की है। ताकि खाद्य सुरक्षा आपूर्ति के कारण कोई संकट पैदा ना हो।
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पुतिन ने दिया अफ्रीका को यह ऑफर
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा, कि उनका देश यूक्रेन के अफ्रीका को भेजे जाने वाले अनाज की आपूर्ति कर सकता है। कीनिया के राष्ट्रपति ने कहा, कि रूस ने हमारी पीठ में छुरा घोंपा है। गौरतलब है, कि पिछले कई सालों से अफ्रीकी देशों में बारिश की कमी के कारण अनाज की भारत की किल्लत आई है। वहीं रूसी राष्ट्रपति ने कहा, कि इस साल रूस में रिकॉर्ड अनाज पैदा होने की उम्मीद है। बता दें कि, रूस में इसी हफ्ते रूस-अफ्रीका समिट होने वाला है।
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