Doller v Rupee: रूपये में रिकॉर्ड गिरावट लगातार जारी है, सोमवार को भारतीय रूपये की कीमत 83.29 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई। रूपये में ये इतिहास की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है. डॉलर के मुकाबले कम होते रूपये की कीमत के कारण विदेशों से आने वाले कच्चे तेल की कीमतों मे वृध्दि देखने को मिल सकती है। प्रमुख न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, HDFC Securities के Research Analyst दिलीप परमार ने कहा, कि रविवार की छुट्टी से पहले रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो और क्रूड ऑयल की कीमतों में तेजी के बाद रुपया एक और रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हो गया है। जो वैश्विक बाजार में भारतीय रूपये की लगातार कमजोरी को दिखाता है।
वैश्विक बाजार में क्रूड ऑयल के भाव
वैश्विक बाजार में भारतीय करेंसी की कमजोरी लगातार बढ़ रही है। इस बीच दुनिया की छह मुख्य करेंसी के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर इंडेक्स 0.11 फीसदी गिरकर 105.20 पर आ गया. ब्रेंट क्रूड 0.42 फीसदी की बढ़त के साथ 94.32 डॉलर प्रति बैरल के रेट पर वैश्विक कारोबार में बना हुआ है। और इसकी बढ़ती तेजी डॉलर के लेवल पर भी असर डाल रही है.
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भारतीय इंपोर्ट-एक्सपोर्ट पर पड़ रहा असर
बीते शुक्रवार को देश के एक्सपोर्ट-इंपोर्ट के आंकड़े मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए, लेकिन इस बार इंपोर्ट और एक्सपोर्ट में दोनों ही स्तर पर भारतीय बाजार सुस्त है। इसके असर से भी रुपये की कीमत पर असर देखा जा रहा है. शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अगस्त में भारत से होने वाल निर्यात 6.86 फीसदी घटकर 34.48 अरब डॉलर रह गया है, जो कि पिछले साल सितंबर माह में 37.02 अरब डॉलर पर था. वहीं, आयात पर में भी गिरावट देखने को मिली है। आयात भी 5.23 फीसदी घटकर 58.64 अरब डॉलर रह गया, जो पिछले साल अगस्त में यह 61.88 अरब डॉलर दर्ज किया गया था.
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