Rulsaan review: कैसी है फिल्म, गाने, एक्टिंग, हिट या फ्लॉप?

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रुस्लान रिव्यू: करण ललित कड़ी द्वारा निर्देशित ‘रुस्लान’ में आयुष शर्मा और सुश्री श्रेया मिश्रा लीड रोल में हैं. आयुष शर्मा का इस बार अलग ही एक्शन अवतार देखने को मिला है. अगर आप भी इस फिल्म को देखने चाहते हैं तो पहले ‘रुस्लान’ का रिव्यू यहां पढ़े.

 

बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान के जीजा और एक्टर आयुष शर्मा की ‘रुस्लान’ इस शुक्रवार सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है. फिल्म एक्शन और इमोशन से भरपूर है. फिल्म की कहानी से लेकर डायलॉग्स तक बहुत जबरदस्त है। इस फिल्म की कास्टिंग भी बहुत ही शानदार है. आयुष से लेकर जगपति बाबू तक, इस फिल्म में हर कलाकार ने अपने किरदार को बखूबी निभाया है. वहीं आयुष शर्मा की ‘रुस्लान’ में दिमाग हिला देने वाले एक्शन सीक्वेंस की तो बात ही अलग है. मूवी में एक्शन के अलावा रोमांस और इमोशन का तड़का भी लगाया है. फिल्म के गाने भी दर्शकों के बीच चर्चा का विषय बने हुए हैं.

 

क्या है फिल्म की कहानी

फिल्म ‘रुस्लान’ की कहानी की शुरुआत आयुष के राज खुलने से होती है जो स्टोरी की शुरुआत में ही सबको पता चल जाता है. कहानी कुछ ऐसी है कि फिल्म में रुस्लान का पिता एक आतंकवादी होता है जो बाद में मर जाता है. वहीं बाद में रुस्लान (आयुष शर्मा) को मेजर समीर (जगपति बाबू) गोद ले लेते हैं, जिसने उसके पिता को गोली मारी थी. रुस्लान अपने अतीत से छुटकारा पाने के लिए बहुत संघर्ष करता है और अपने पिता के बुरे कर्मों से मुक्ति पाने के लिए देश की सेवा करने का फैसला करता है. हालांकि, नौकरी से निकाले जाने के बाद वह रॉ एजेंट मंत्रा (विद्या मालवडे) के तहत एक सिक्रेट मिशन पर काम करते हैं. इस दौरान रुस्लान की मुलाकात एजेंट वाणी (सुश्री श्रेया मिश्रा) से होती है और वह उसके साथ मिलकर भारत को दुश्मनों से बचाने के मिशन पर निकल जाते हैं.

 

कैसा है डायरेक्शन

दमदार स्टार कास्ट और हैरान कर देने वाले एक्शन सीन्स के लिए फिल्म मेकर करण ललित बुटानी की सराहना की जानी चाहिए. हालांकि, फिल्म निर्माता ने इंटरवल से पहले ही दर्शकों को आगे की कहानी का हिंट दे दिया था, लेकिन उसके बाद भी फिल्म ने दर्शकों का दिल जीत लिया. फिल्म का दूसरा पार्ट इतना अच्छा था कि मेकर दर्शकों को सीट से बांधे रखने में सफल हुए. एक्शन सीन इतने जबरदस्त है कि आप सिनेमाघरों से बाहर आने के बाद भी भूल नहीं पाएंगे. एक्शन कोरियोग्राफी को क्लोज-अप में शूट किया गया था, जिससे पता चलता है कि उन्होंने हर स्टंट को अलग दिखाने के लिए बहुत मेहनत की है। फिल्म में कोई बिना मतलब का ड्रामा नहीं दिखाया गया है.

 

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