‘23 जून को बगावत…23 अगस्त को बदला’ कहानी Putin और Prigozhin के बीच के जंग की

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Yevgeny Prigozhin Death: विश्व अशांति के दौर से गुजर रहा है, जिसके पीछे का सबसे बड़ा वजह है रूस-यूक्रेन के बीच का युद्ध जो पिछले डेढ़ साल से चल रहा है. इसी बीच खबर आ रही है कि जून में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ बगावत करने वाले, वैगनर आर्मी के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन का हवाई दुर्घटना में मारे गए है. जिसके बाद ये आशंका जताया जा रहा है की उनके मौत के पीछे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का हाथ है. दरअसल 23 जून 2023 को जब रूस वैगनर आर्मी ने बगावत किया था. तब गृह युद्ध के स्थिति में पुतिन ने बेलारूस के राष्ट्रपति के मदद से बातचीत के माध्यम से इस मामले को शांत करा दिया था.

हम उन्हें करारा जवाब देंगे- पुतिन

गौरतलब है कि उसी समय पुतिन ने अपने कड़े शब्दों में कहा था कि हम अपने लोगों की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है. हमारी पीठ में चुरा घोपा गया है, हम उन्हें करारा जवाब देंगे. येवगेनी प्रिगोझिन के बगावत को 2 महीने बीत चुके है. फिर एक खबर आई की एक प्लेन क्रैश में प्रिगोझिन की मौत हो गई है. खास बात ये है कि कभी प्रिगोझिन को पुतिन के सबसे करीबी नेताओं में एक माना जाता था. येवगेनी प्रिगोझिन पुतिन के रसोइये के तौर पर जाने जाते थे.

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CIA ने जताया था आशंका

दरअसल पिछले महीने अमेरिकी राष्ट्रपति और CIA डायरेक्टर विलियम्स बर्न्स ने प्रिगोझिन के ऊपर हमले का संभावना जताया था. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा था कि अगर मैं उसकी जगह होता, तो मैं सावधान रहता कि मैं क्या खाऊं. मैं अपने मेनू पर नजर रखूंगा. परंतु सब मजाक कर रहे हैं, मुझे नहीं लगता कि हममें से कोई भी निश्चित रूप से जानता है कि रूस में प्रिगोझिन का भविष्य क्या है?

क्या है वैगनर ग्रुप, क्यों की थी बगावत?

गौरतलब है कि वैगनर एक प्राइवेट आर्मी है. जो रूसी सेना के साथ मिलकर यूक्रेन में युद्ध लड़ रही है. यह पिछले कई सालों से सैन्य और खुफिया ऑपरेशन्स को लेकर विवादों में भी रहा है. वैगनर आर्मी चीफ येवगेनी प्रिगोझिन कभी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सबसे खास होते थे. परंतु कुछ समय से प्रिगोझिन और रूसी सेना के बीच टकराव चल रहा था. प्रिगोझिन ने 23 जून को रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु पर गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने दावा किया था कि रूसी रक्षा मंत्री ने यूक्रेन में वैगनर आर्मी पर रॉकेट से हमले का आदेश दिया. प्रिगोझिन ने कहा था कि वे इस हमले का बदला रूसी रक्षा मंत्री से लेंगे और इसमें रूसी सेना हस्तक्षेप न करे. इसके बाद प्रिगोझिन ने अपने लड़ाकों के साथ यूक्रेन से लौटकर रूस की सीमा में मार्च शुरू कर दिया था.

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कौन है प्रिगोझिन?

येवगेनी प्रिगोझिन पुतिन के रसोइये के तौर पर जाने जाते थे. प्रिगोझिन का जन्म 1961 में लेनिनग्राड में हुआ था. प्रिगोझिन 20 साल की उम्र में ही मारपीट, डकैती और धोखाधड़ी समेत कई मामलों में वांछित हो गए थे. इसके बाद उन्हें 13 साल की सजा सुनाई गई. हालांकि उन्हें 9 साल में ही रिहा कर दिया गया. प्रिगोझिन ने जेल से रिहा होने के बाद हॉट डॉग बेचने के लिए स्टॉल लगाना शुरू किया. इसमें सफलता मिलने के बाद उन्होंने महंगा रेस्तरां खोला. येवगेनी का रेस्तरां इस कदर फेमस हो गया कि लोग इसके बाहर लाइन लगाकर इंतजार करने लगे. लोकप्रियता बढ़ी तो खुद रूसी राष्ट्रपति पुतिन विदेशी मेहमानों को इस रेस्तरां में खाना खिलाने ले जाने लगे. यही वो दौर था जब येवगेनी पुतिन के करीब आए. इसके बाद येवगेनी को सरकारी अनुबंध दिए जाने लगे. प्रिगोझिन की भूमिका हमेशा संदिग्ध रही है, और उन्होंने लंबे समय से किसी भी राजनीतिक भूमिका से इनकार किया. परंतु उनका प्रभाव खाने की मेज से कहीं आगे तक पहुंच गया था.

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