Relationship Tips: Relationship में पुरुष क्यों हो जाते हैं हिंसक? जानें बड़ा कारण
Relationship Tips: रिश्ते, जितने प्यारे और खूबसूरत हो सकते हैं, उतने ही कभी-कभी कॉम्प्लिकेटेड और मुश्किल भी हो सकते हैं। हम सबने कभी ना कभी किसी को ये कहते सुना होगा, “भैया, ये रिश्ता तो बड़ा टॉक्सिक है! लेकिन सवाल ये है कि आखिर क्यों और कैसे कुछ रिश्तों में हिंसा आ जाती है, और खासकर जब हम बात करते हैं पुरुषों की। तो चलिए, इस बात का तहकीकात करते हैं और जानते हैं।
परवरिश में छिपा है राज
भाई साहब, यहां परवरिश की बात है! मतलब मम्मी-पापा के ढ़ंग पर भी सवाल उठता है। अक्सर ऐसा होता है कि बचपन से ही बेटों को सिखाया जाता है, “अरे बेटा, रोना लड़कियों का काम है, तुम लड़के होकर क्यों रो रहे हो?” अब बेचारे बच्चों को समझ नहीं आता कि वे अपने इमोशंस कहां दिखाएं। ऐसे में वही बच्चे बड़े होकर थोड़ा सख्त हो जाते हैं और बाद में जाकर हिंसक भी हो सकते हैं।
फिल्मों और सोशल मीडिया का जादू
आपने ‘कबीर सिंह’ देखी है? या ‘एनिमल’? नहीं देखी है तो मत देखना, क्योंकि इन फिल्मों ने हिंसा को कुछ ज्यादा ही कूल बना दिया है। हमारे प्यारे किशोर इन फिल्मों को देखकर सोचते हैं कि “वाह! यही तरीका है अपने साथी के दिल में जगह बनाने का।” सोशल मीडिया भी इसमें कोई कसर नहीं छोड़ता, जहां हर जगह हिंसा के पक्ष में बनी पोस्ट और वीडियोज मिल जाएंगे। ऐसे में, नतीजा क्या होता है? हिंसा का पेड़ बढ़ता ही जाता है।
शक का चक्कर
शक, वाह! ये तो रिश्तों का सबसे बड़ा विलेन है। मनोरंजन के साधनों और सोशल मीडिया पर शक के बीज तो इतनी जल्दी बोए जाते हैं कि आप सोच भी नहीं सकते। ये भद्दे चुटकुले और गॉसिप्स तो रिश्तों को सीधे गटर में ले जाकर पटक देते हैं।
सभी को मिलकर प्रयास करने की जरूरत
अब बात करते हैं सॉल्यूशन की। भाई साहब, हमें सबको मिलकर काम करना होगा। मम्मी-पापा को बचपन से ही बेटों के मन में संवेदनशीलता और रिश्तों का सम्मान सिखाना चाहिए। और हां, हमें उन फिल्मों और सोशल मीडिया कंटेंट के खिलाफ भी एकजुट होना होगा, जो रिश्तों को तोड़ने का काम कर रहे हैं।
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