Rajiv Gandhi Death Anniversary: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आज पुण्य तिथि (Death Anniversary) है इस दिन यानी 21 मई को हर साल आतंकवाद विरोधी दिवस के रूप में मनाया जाता है। साल 1991 में तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक चुनावी सभा के दौरान लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम के एक आत्मघाती हमलावर द्वारा उनकी हत्या कर दी गई थी। आत्मघाती हमलावर ने एक बेल्ट बम चलाया था, जिसमें राजीव गांधी समेत कई लोग मारे गए थे। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद से 21 मई 1991 को आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस की घोषणा की गई थी।
कैसे हुई राजीव गांधी की हत्या?
वास्तव में, राजीव गांधी ने एक चुनावी सभा में श्रीपेरंबदूर में भाग लिया था सभा से पहले जब लोगों ने उन्हें अभिवादन किया, तो राजीव गांधी आगे बढ़ रहे थे, तभी एलटीटीई की महिला सदस्य जिन्होंने अपने कपड़ों के अंदर एक विस्फोटक छिपाया था, ने राजीव गांधी के पैरों को छूने का बहाना बनाकर एक विस्फोट किया। अचानक एक तेज धमाके से धुआं का एक बड़ा गुब्बारा उठ गया। धुआं हटते ही पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी सहित वहां मौजूद लोगों के चिथड़े उड़ गए। बहुत से लोग घायल भी हो गए थे। इसके बाद से 21 मई को राजीव गांधी की स्मृति में आतंकवाद दिवस मनाया जा रहा है।
40 साल की उम्र में बने प्रधानमंत्री
भारत के छठे प्रधानमंत्री रहे राजीव गांधी अपनी मां और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की मौत के बाद 40 साल की उम्र में देश के प्रधानमंत्री बने। उन्होंने अपने कार्यकाल में ऐसे कई फैसले लिए हैं, जो बेहद अहम और काबिल ए तारीफ साबित हुए।
राजीव गांधी ने 1986 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत देश की शिक्षा को विस्तारित करने का प्रयास किया जवाहर नवोदय विद्यालयों की स्थापना की थी।
राजीव गांधी ने विज्ञान और तकनीक को बढ़ावा दिया। देश में कंप्यूटर के प्रयोग को बढ़ावा दिया सुपर कंप्यूटर के निर्माण को प्रोत्साहित किया।
देश की अर्थव्यवस्था को उदार बनाने का भी प्रयास किया लाइसेंस राज को खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाए।
कई कॉर्पोरेट कंपनियों को उद्योग उत्पादन बढ़ाने के लिए सब्सिडी दिलाई।
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