Rahul Questions Operation Sindoor: संसद में पीएम मोदी से ट्रंप को झूठा कहने की चुनौती”

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला है। इस बार मुद्दा था “ऑपरेशन सिंदूर” और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का वह दावा, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को रोका। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री से सीधे तौर पर सवाल किया कि यदि ट्रंप झूठ बोल रहे हैं, तो उन्हें संसद में खड़े होकर यह कहना चाहिए – "ट्रंप, तुम झूठे हो"।

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Rahul Questions Operation Sindoor: ट्रंप पर सवाल, पीएम पर चुप्पी को लेकर तंज
राहुल गांधी ने कहा, “डोनाल्ड ट्रंप ने 29 बार कहा कि उन्होंने युद्ध रोका। अगर यह सच नहीं है, तो प्रधानमंत्री को संसद में कह देना चाहिए कि ट्रंप झूठ बोल रहे हैं। अगर उनमें इंदिरा गांधी की 50% भी हिम्मत है, तो वे यह कहें।” उन्होंने पूछा, “प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं? अगर ट्रंप झूठ बोल रहे हैं तो कहिए, संसद में कहिए।”

पाकिस्तान पर झुकने का आरोप
राहुल गांधी ने सरकार पर आरोप लगाया कि ऑपरेशन सिंदूर के कुछ ही मिनटों के भीतर सरकार ने पाकिस्तान के दबाव में आकर कदम पीछे खींच लिए। उन्होंने रक्षा अटैशे कैप्टन शिव कुमार का हवाला देते हुए कहा कि भारत ने ऑपरेशन के दौरान अपने ही पायलटों के हाथ बांध दिए थे, क्योंकि राजनीतिक नेतृत्व ने सेना को पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों को निशाना न बनाने का निर्देश दिया था।

रक्षामंत्री के बयान पर भी उठाए सवाल
राहुल गांधी ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के पुराने बयान का हवाला देते हुए कहा, “रक्षामंत्री ने कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर सुबह 1:05 बजे शुरू हुआ और 22 मिनट चला। फिर उन्होंने सबसे चौंकाने वाली बात कही – 1:35 पर हमने पाकिस्तान को कॉल कर बताया कि हमने गैर-सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है और हम किसी प्रकार का तनाव नहीं चाहते।” राहुल गांधी ने तंज कसते हुए कहा, “शायद उन्हें खुद नहीं समझ में आया कि वे क्या कह रहे हैं।”

Rahul Questions Operation Sindoor: “ऐसे प्रधानमंत्री की जरूरत नहीं”
राहुल गांधी ने अपने भाषण का अंत करते हुए कहा, “हमें ऐसे प्रधानमंत्री की जरूरत नहीं है जिसमें इतना भी साहस न हो कि वह ट्रंप को झूठा कह सके।” उन्होंने कहा, “ट्रंप को यह मत कहने दीजिए कि उन्होंने युद्ध रोका।”

यह बयान न सिर्फ राजनीतिक हलकों में हलचल पैदा कर रहा है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति को लेकर भी नई बहस छेड़ रहा है। राहुल गांधी की यह आक्रामक रणनीति 2024 के बाद के सियासी परिदृश्य में सरकार पर विपक्ष का दबाव बढ़ाने का एक बड़ा संकेत मानी जा रही है।

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