Prashant Kishor ने फ्लोर टेस्ट को लेकर क्लियर किया पूरा गेम, जानिए क्या होता है फ्लोर टेस्ट

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Prashant Kishor: प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में खेला तभी होगा जब जनता सत्ताधारी गठबंधन (एनडीए) और महागठबंधन (एमजीए) दोनों को नकार दे और एक नया विकल्प चुन ले। प्रशांत किशोर ने कहा कि दोनों गठबंधन बिहार के लोगों को निराश कर चुके हैं और राज्य में कोई वास्तविक बदलाव नहीं लाए हैं। उनका यह भी मानना है कि बिहार में बदलाव लाने के लिए, जनता को इन दोनों दलों से अलग हटकर एक नया विकल्प चुनना होगा। उनके इस बयान को लेकर बिहार में काफी चर्चा हो रही है। कुछ लोग उनसे सहमत हैं, जबकि कुछ लोग उनका विरोध कर रहे हैं।

बिहार में प्रशांत किशोर एक नया विकल्प

प्रशांत किशोर ने बिहार में जन स्वराज नामक एक नया अभियान शुरू किया है। इस अभियान का उद्देश्य लोगों को सशक्त बनाना और उन्हें राजनीतिक प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना है। उन्होंने कहा कि जन स्वराज ही बिहार में वास्तविक बदलाव ला सकता है। प्रशांत किशोर के बयान को लेकर राजनीतिक दलों ने अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दी हैं। एनडीए और एमजीए ने उनके बयान को खारिज कर दिया है, जबकि कुछ अन्य दलों ने उनका समर्थन किया है।

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जानिए क्या होता है फ्लोर टेस्ट

फ्लोर टेस्ट एक संवैधानिक प्रक्रिया है जिसके तहत राज्यपाल या अध्यक्ष मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री को विधानसभा या लोकसभा में बहुमत साबित करने के लिए कहते हैं। यह तब होता है जब किसी सरकार के बहुमत पर संदेह होता है, जैसे कि विधायकों का एक समूह गठबंधन से अलग हो जाता है या मुख्यमंत्री/प्रधानमंत्री इस्तीफा दे देते हैं। यदि मुख्यमंत्री/प्रधानमंत्री बहुमत हासिल करते हैं, तो वे सरकार में बने रहते हैं। यदि वे बहुमत हासिल नहीं करते हैं, तो उन्हें इस्तीफा देना होगा और नई सरकार बनाई जाएगी।

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