Parliament Session: विपक्षी दलों के हंगामे के कारण शुक्रवार को सुबह 11 बजे शुरू हुई लोकसभा की कार्यवाही थोड़ी देर बाद ही 12 बजे तक के लिए स्थगित की गई। इसके बाद राज्यसभा में सुधांशु त्रिवेदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया इस दौरान सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि मोदी और नेहरू की बराबरी नहीं हो सकती है। सुधांशु त्रिवेदी ने धन्यवाद प्रस्ताव में आगे कहा कि प्रधानमंत्री पद के लिए 13 सितंबर 2013 को बैठक होनी थी पर मोदी जी उस बैठक में नहीं गए और उन्होंने कहा कि मैं उस बैठक में नहीं आऊंगा जहां मेरे नाम पर चर्चा हो रही हो ये होता है नैतिकता के आधार पर निर्णय।
संसद में सुधांशु त्रिवेदी का हल्ला बोल
सुधांशु त्रिवेदी ने आगे कहा कि राजनाथ अध्यक्ष थे मुझे कहा गया था कि मोदी जी को लेकर मैं अध्यक्ष के रूम तक लेकर जाऊं ताकि फैसला होने के बाद हम साथ में प्रेस कॉन्फ्रेंस में जाएं पूरा पार्लयमेंट बोर्ड एक मत था तब जाकर फैसला हुआ। 26 अप्रैल 1946 को जब कांग्रेस का नया अध्यक्ष चुना जाना था उसके लिए कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक होनी थी और 20 अप्रैल को महात्मा गांधी ने मौलाना जी को लेटर लिखा कि आप अपना नामांकन वापस ले लीजिए क्योंकि मैं चाहता हूं कि नेहरू से प्रधानमंत्री बनें लेकिन इसके बावजूद उस बैठक में क्या हुआ इसका जिक्र कई किताबों में हुआ।
सुधांशु त्रिवेदी ने आगे कहा कि एक वोट रमैया को, 2 वो आचार्य कृपालनी को, शेष सारे वोट मिले सरदार पटेल को नेहरू को एक भी वोट नहीं मिला, वाकिये कैसे तुलना हो सकती है कैसे तुलना हो सकती है मोदी जी की और नेहरू जी की जो वोट पाकर प्रधानमंत्री बनें और नेहरू जी जीरो वोट पाकर प्रधानमंत्री बनें एक नेता जिसको पूरे देश ने नेता माना और एक वो नेता जिसको उसकी पार्टी ने ही नेता नहीं माना।
ये भी पढ़ें- NEET Paper Leak: संसद में राहुल का माइक किया गया बंद? लोक सभा स्पीकर ओम बिरला ने दिया कड़ा जवाब
देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘Saugandh TV’ को अभी subscribe करें, आप हमें FACEBOOK, और INSTAGRAM पर भी फॉलो कर सकते हैं।