दिल्ली सेवा बिल पर पक्ष-विपक्ष में वार, केंद्र सरकार ने लोकसभा में पेश किया बिल
Opposition on Delhi Services Bill: दिल्ली पर पहला अधिकार किसका है. इसको लेकर दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच जंग छिड़ी है. केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से निराशा हाथ लगने के बाद अब वो संसद में Delhi Services Bill ला रही है. केंद्र सरकार ने अधिकारियों के पोस्टिंग और तबादलों से जुड़ा दिल्ली सेवा बिल आज लोकसभा में पेश किया. गृहमंत्री अमित शाह कि तरफ से केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने बिल को पेश किया. बिल पेश होने के तुरंत बाद हमेशा की तरह सदन में हंगामा शुरू हो गया. जिसके बाद सदन की कार्यवाही को 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. विपक्ष ने बिल का जोरदार विरोध किया। गृह मंत्री अमित शाह ने बिल के विरोध को लेकर कहा कि ये राजनैतिक विरोध है, संवैधानिक नहीं है. सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा है कि केंद्र सरकार चाहे तो क़ानून बना सकती है।
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विपक्ष का सदन में हंगामा
नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने बिल का विरोध करते हुए. बिल को असवैंधानिक बता दिया, उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि ये बिल सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरुद्ध है, दिल्ली के ऊपर दिल्ली सरकार के अधिकारों को कम करने का प्रयास है. आगे बात करते हुए कहा कि केंद्र सरकार सविंधान को काम करने का काम कर रही है. एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी बिल का विरोध करते हुए कहा कि बिल को पेश किया जाए या नहीं किया जाए इस पर वोट करवाया जाए. ओवैसी ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि पहले बिना प्रधानमंत्री के आए सदन नहीं चलने देंगे, कहने वाले अब सदन चलाने को तैयार हो गए है. गौरतलब है की आम आदमी पार्टी इस बिल का कड़ा विरोध कर रही है. AAP ने इसके लिए विपक्षी दलों से समर्थन मांग लिया है।
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