नए संसद भवन के उद्घाटन पर प्रधानमंत्री ने किया था दण्डवत प्रणाम, जानिए क्यों किया जाता है ?

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 मई को नई संसद का उद्घाटन किया। इस दौरान राजदंड लेने से पहले पीएम मोदी ने सेंगोल को दंडवत प्रणाम किया। लेकिन क्या आप जानते हैं दण्डवत प्रणाम क्यों किया जाता है इसके लाभ क्या हैं। आइए जानते हैं इस लेख में…

दण्डवत प्रणाम को उपासना की एक प्रक्रिया माना गया है। कहते हैं उपासना से इंसान का मन शांत होता है। वह सांसारिक दौड़-भाग से अलग आनंद की अनुभूति करता है।

दण्डवत प्रणाम करने की प्रथा सदियों पुरानी है, जो आज भी जीवित है। मंदिर में भगवान के समक्ष आज भी बहुत से भक्त दण्डवत प्रणाम ही करते हैं। हिंदू धर्म की इस प्राचीन परंपरा के लिए कहा जाता है कि प्रणाम करने से व्यक्ति के अंदर अभिमान और द्वेष समाप्त हो जाता है। बड़ों का आदर सत्कार और उनका मान बढ़ाने के लिए प्रणाम किया जाता है। साथ ही दण्डवत प्रणाम को उपासना की भी एक प्रक्रिया कहा गया है। ऐसा माना जाता है कि इससे व्यक्ति को बड़े-बुजुर्गों का आर्शीवाद प्राप्त होता है, जिससे उसके जीवन में खुशहाली बढ़ती है। आइए जानते हैं क्या है दण्डवत प्रणाम और उसके धार्मिक और वैज्ञानिक लाभ।

दंडवत प्रणाम यानी अष्टाङ्ग प्रणाम जिसमें व्यक्ति अपने शरीर के अष्ट अंगों से धरती को स्पर्श करता है। इस प्रणाम के दौरान शरीर की मुद्रा डंडे के समान हो जाती है, तभी इसे दण्डवत प्रणाम कहा जाता है। इस प्रणाम के दौरान व्यक्ति क दोनों पांव, दोनों घुटने, छाती, ठुड्ढी और दोनों हथेलियां धरती को छूती हैं। दंडवत प्रणाम के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आपका पेट धरती पर नहीं लगना चाहिए।

दण्डवत प्रणाम करने से व्यक्ति का मन प्रफुल्लित रहता है और उसके अंदर दूसरों के प्रति सम्मान और आदर की भावना खुद पनपने लगती है। इसके अलावा अन्य लोगों के प्रति आपके अंदर समर्पण की भावना का भी विकास होता है जिसके चलते आपका रवैया अन्य लोगों के प्रति उदार हो जाता है। आपके अंदर समानता का भाव भी आने लगता है और विचारों का दृष्टिकोण भी बदलने लगता है। इससे आपके अंदर दया-भाव का संचार होता है।

अब आप पहले से अधिक नर्म और सुलझी हुई विचारधारा के मनुष्य बनने लगते हैं। साथ ही आपका प्रभु से भी जुड़ाव बढ़ने लगता है और आप आध्यात्म की ओर मुड़ने लगते हैं। आध्यात्मिक ज्ञान को अर्जित करने से व्यक्ति का मन शांत और निर्मल रहने लगता है, जिससे आप खुद को गलत संगति और आदतों से दूर रखने लगते हैं।

दण्डवत प्रणाम हमारे स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद है। अगर रोजाना दण्डवत प्रणाम किया जाए, तो इससे हमारे शरीर में लचीलापन आने लगता है। इसके अलावा शरीर की मांसपेशियां एक्टिव रहती हैं और जिन लोगों को डायबिटीज के चलते कमर दर्द और पैरों में सुन्नपन्न की शिकायत होती है, वो भी ठीक हो जाती है। दण्डवत प्रणाम से आपकी पीठ भी काफी मजबूत होने लगती है।

इसके अलावा व्यक्ति दिनभर उर्जावान भी बना रहता है और जल्द थकान होने की समस्या भी समाप्त हो जाती है। साथ ही मंद पाचन क्रिया के लिए भी ये बेहद उपयोगी है। इससे शरीर में संतुलन बना रहता है और दीर्घायु होती है। अगर बच्चे और युवा नियमित तौर पर दण्डवत प्रणाम करें, तो उनके स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। इससे शरीर को चुस्ती फुर्ती और मनोबल की प्राप्ति होती है। जो शिक्षा के क्षेत्र में और कारोबार में भी बेहद सहायक साबित होता है।

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