Odisha News: ट्रम्प को ठुकरा, ‘महाप्रभु’ की धरती चुनी: पीएम मोदी का दिल ओडिशा में बस गया!”

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में आयोजित जी-7 शिखर सम्मेलन (16–17 जून, कनाडा) के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा वाशिंगटन आगमन का आमंत्रण स्वीकार न करके ओडिशा की पैदाइशी संस्कृति, आध्यात्म और विकास को प्राथमिकता दी । ट्रम्प की डिनर इनवाइट को मोदी ने त्याग कर “महाप्रभु जगन्नाथ की भूमि” को चुना, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि वैश्विक मंचों पर तो बातचीत पहले हो सकती थी, लेकिन देश और उसकी सांस्कृतिक विरासत उन्हें सर्वोपरि थी ।

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Odisha News: ओडिशा यात्रा का एजेंडा & लॉन्च हुए परियोजनाएँ
ओडिशा जाते ही पीएम मोदी ने बौध रेलवे लिंक का उद्घाटन किया, जो प्रदेश की आंतरिक सुविधाओं को मजबूती देगा। साथ ही, उन्होंने “ओडिशा विजन–2036” और “2047” के रोडमैप को जनता के सामने रखा, जिसमें अगले 10–25 वर्षों में आर्थिक, शैक्षणिक, पर्यावरणीय और अवसंरचनात्मक विकास का व्यापक रूपरेखा प्रस्तुत किया गया।

बिजली बस, नए रेल मार्ग, और योजना के लाभार्थियों को सम्मानित करके मोदी ने यह संदेश दिया कि ओडिशा अब सिर्फ सांस्कृतिक केंद्र नहीं बल्कि तेजी से विकसित हो रहा आधुनिक राज्य है।

मोदी का भाषण: “अब / कांग्रेस राज में…”
भाषण के दौरान मोदी ने स्वाभाविक रूप से वर्तमान के प्रगतिशील विकास की तुलना हुई कांग्रेस-काल से करते हुए जोर दिया कि आज की ओडिशा—जो पहले इन अवसंरचनात्मक पहलुओं से वंचित थी—वैश्विक निवेश और आत्मबल से समृद्ध है।

राजपथों का विस्तार (रेल, सड़क, विद्युत):
“जब कांग्रेस राज्य चला रही थी, तब रेल‑सड़क का विस्तार दरकता महसूस होता था। लेकिन अब हर गांव जुड़ रहा है”—मोदी ने बड़े गर्व से कहा।

दुगुनी प्रगति:
उन्होंने उल्लेख किया कि “आज का ओडिशा शिक्षा, स्वास्थ्य और औद्योगिक विकास में दो गुना तेज गति से आगे बढ़ रहा है, जबकि कांग्रेस के समय यह धीमा था।”

Odisha News: सांस्कृतिक गौरव:
“महाप्रभु जगन्नाथ की धरा पर हम सिर्फ दर्शन के लिए नहीं, बल्कि निवेश और आत्मनिर्भरता की लग्न लेकर आए हैं”—यह मोदी का ओडिशा के प्रति गहरा सम्मान था।

क्या संदेश छोड़ा यह निर्णय?
विकास प्राथमिकता: ट्रम्प की डीनर निमंत्रण को ठुकराकर मोदी ने दिखाया कि जब देश व राज्य विकास का मार्ग चुनता है, तो समानांतर राजनीतिक दबाव नियालनीय है।

संस्कृति का सम्मान: “महाप्रभु की भूमि” को समझकर ऐसा प्रचार संदेश गया कि भारत का हर नेता अपनी जनता, संस्कृति और आध्यात्म को पार्लियामेंट और वैश्विक मंचों से ऊपर रख सकता है।

भविष्य की राह: “ओडिशा विजन–2036” रोडमैप प्रदेश के लिए स्पष्ट विकास संरचनाएं—जैसे ब्लॉक‑टू‑विलेज कनेक्टिविटी, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, और ग्रामीण कल्याण योजनाएं सुनिश्चित करता है।

निष्कर्ष
प्रधान मंत्री मोदी की हालिया ओडिशा यात्रा सिर्फ एक यात्रा नहीं, बल्कि यह एक “विकास की आख्यान” थी—वह आख्यान जिसमें कांग्रेस काल की कमी से शिक्षा, स्वास्थ्य, रेल, सड़क और सांस्कृतिक गौरव तक की प्रगति का उत्सव मनाया गया।
ट्रम्प की अमेरिकी आमंत्रण को ठुकराकर मोदी ने संदेश दिया: “अंतरराष्ट्रीय मंच पर आवाज़ हो, पर देश की ज़मीनी हकदारी मायने रखती है।”
उनके इस निर्णय और भाषण ने ओडिशा को एक नई उम्मीद व पहचान दी—जहाँ स्थानीय विकास, पारंपरिक गौरव और भविष्य की योजनाएं कंधे से कंधा मिलाकर चलती हैं।

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