Naveen Patnaik: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को जन्मदिन की बधाई दी. ओडिशा के सीएम और बीजू जनता दल के अध्यक्ष पटनायक रविवार को 77 साल के हो गए. पीएम मोदी ने एक ट्वीट में कहा, “ओडिशा के मुख्यमंत्री श्री नवीन पटनायक जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं. प्रधानमंत्री ने उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना की.
नवीन 23 सालों से लागातार सीएम हैं
राजनीति में कोई जीरो से हीरो बनात है, तो कोई हीरो से जीरो बन जाता है. लेकिन ओडिसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की कहानी एकदम अलग है. देश में किसी राज्य के सबसे ज्यादा मुख्यमंत्री बनने वालों में नवीन पटनायक के नाम है. पटनायक 23 सालों से ज्यादा समय से ओडिसा के सीएम हैं. नवीन पटनायक से आगे सक्किम के पूर्व मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग रह गए है जो 24 वर्षों से ज्यादा समय तक मुख्यमंत्री थे.
केंद्र में मंत्री रह चुके है पटनायक
1997 में पिता के मृत्यु के बाद नवीन पटनायक का राजनीति से कोई दूर का वास्ता भी नहीं था. वे अमेरिका में रहते थे. ओड़िया भाषा और संस्कृति के साथ उनका कोई खास रिश्ता नहीं था और वह ठीक से ओड़िया भाषा भी नहीं बोल पाते थे. बता दें नवीन पटनायक के पिता बिजू पटनायक एक प्रभावशाली नेता थे. आज़ादी की लड़ाई के दौरान जेल में भी रहे थे. वह ओडिशा के दो बार मुख्यमंत्री रहने के साथ साथ कई बार सांसद और केंद्र में मंत्री भी रहे. पिता के मृत्यु के बाद नवीन पटनायक 1997 में आस्का से लोकसभा उप-चुनाव लड़े और जीत हासिल कर अटल बिहार वाजपेयी सरकार में मंत्री बने.
संजय गांधी के अच्छे दोस्त
नवीन पटनायक का जन्म ओडिशा के कटक शहर में 16 अक्टूबर 1946 को एक कायस्थ परिवार में हुआ उनके पिता ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक थे. उनकी शिक्षा दून विद्यालय में हुई उस समय संजय गांधी भी दून विद्यालय में पढ़ रहे थे. दोनों लोग एक अच्छे मित्र है. उच्य शिक्षा के लिए नवीन दिल्ली विश्ववविद्यालय के किरोड़ीमल महाविद्यालय से कला में स्नातक की. नवीन पटनायक एक लेखक भी हैं और उन्होंने अपना युवाकाल लगभग रजनीति और ओडिशा से दूर ही व्यतीत किया.
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अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ अच्छी दोस्ती
जब पिता बीजू पटनायक जीवित रहे, नवीन पटनायक की कोई राजनीति से कोई रिस्ता नहीं था. वह उस दौरान दिल्ली में रहते थे. अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी की पत्नी जैकेलीन कैनेडी से उनकी अच्छी दोस्ती थी. जब वे 1983 में भारत यात्रा पर आई थी तो नवीन उनके साथ जयपुर, जोधपुर, लखनऊ यात्रा पर गए थे. 1997 में पिता के मृत्यु के बाद नविन पटनायक के बड़े भाई प्रेम पटनायक और बहन गीता पटनायक ने राजनीति में कदम रखने से माना कर दिया. इसके बाद नवीन बाबू ने राजनीति में कदम रखा.
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