NOTA: कब शुरू हुई थी NOTA की शुरुआत? आखिर वोटर्स क्यों चुनते हैं नोटा का विकल्प, पढ़ें पूरी खबर

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NOTA: पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव है. वोटिंग मशिन में एक विक्ल्प रहता है जिसे नोटा नाम से जानते है. अगर आप किसी भी प्रत्याशी को वोट नहीं करना चाहते है, तो आप नोटा पर अपना बटन दबा सकते है. तो आज हम आपको बताने वाले है नोटा से जुड़ी हर जानकारी. नोटा का मतलब होता है ‘नन ऑफ द एबव’. यानी इन में से कोई नहीं. वोटिंग के दौरान भी लोगों को इसका विकल्प मिलता है. यानी आपको अगर किसी सीट पर खड़े प्रत्याशियों में से कोई भी पसंद नहीं है तो आप नोटा का विकल्प चुन सकते हैं. ईवीएम में ही आपको नोटा का बटन मिलता है. इस बटन का रंग गुलाबी रंग का होता है.

पहली बार 2013 विधानसभा चुनाव में हुआ इस्तेमाल?

भारतीय चुनाव आयोग ने दिसंबर 2013 के विधानसभा चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में NOTA बटन का विकल्प दिया था. मतगणना के समय जब वोटों की काउंटिंग होती है तब ये भी गिना जाता है कि कितने लोगों ने नोटा को वोट दिया है. इन वोटों का रिकॉर्ड भी रखा जाता है. भारत के अलावा कई सारे देशों में जैसे  ग्रीस, यूक्रेन, स्पेन, कोलंबिया और रूस में भी नोटा का विकल्प है.

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चुनाव आयोग और नोटा

भारतीय चुनाव आयोग ने कहा है कि, भले ही किसी भी  चुनाव में, नोटा को मिले वोटों की संख्या उम्मीदवारो के वोटों की संख्या से अधिक है, फिर भी उस चुनाव में सबसे संख्या वोट हासिल करते वाले उम्मीदवार को जीत घोषित किया जाएगा. 2013    में चुनाव आयोग ने कहा था कि नोटा के लिए मतदान किए गए वोटों को सुरक्षा जमा के आगे के निर्धारण के लिए नहीं माना जा सकता है. 2014 में चुनाव आयोग ने राज्यसभा चुनावों में भी नोटा की शुरुआत की थी.

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