Nithari Kand के मुख्य आरोपी Moninder Pandher जेल से रिहा, डी5 कोठी के बाहर पुलिस की भारी तैनाती

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Nithari Kand: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने निठारी नरसंहार में सीबीआई कोर्ट से फांसी की सजा पाए सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर को दोषमुक्त करार दिया था. उच्च न्यायालय ने कहा, पुलिस दोनों के खिलाफ आरोप साबित नहीं कर पाई. न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति एस ए एच रिजवी की खंडपीठ ने जांच पर नाखुशी जताते हुए कहा, जांच बेहद खराब थी सबूत जुटाने की मौलिक प्रक्रिया का पूरी तरह उल्लंघन किया गया. जांच एजेंसियों की नाकामी लोगों का विश्वास खोना है.

उच्च न्यायालय ने फांसी की सजा को रद्द किया

उच्च न्यायालय ने कहा, अंग व्यापार के गंभीर पहलुओं की जांच किए बिना एक गरीब नौकर को खलनायक की तरह पेश कर उसे फंसाने का आसान तरीका चुना. ऐसी गंभीर चूक के कारण मिलीभगत सहित कई तरह के निष्कर्ष संभव हो सकते हैं. कोर्ट ने यह कहा कि आरोपी को निचली अदालत से स्पष्ट रूप से निष्पक्ष सुनवाई का मौका नहीं मिला. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सोमवार को दोनों को निर्दोष करार देते हुए सीबीआई कोर्ट गाजियाबाद द्वारा सुनाई गई फांसी की सजा को रद्द कर दिया. सीबीआई कोर्ट ने पंधेर को दो और कोली को 12 मामलों में फांसी की सजा सुनाई थी. हाई कोर्ट ने कहा कि यदि किसी अन्य मामले में वांछित न हों तो दोनों अभियुक्तों को रिहा किया जाए.

जेल से निकलते वक्त नहीं की बात

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बता दें कि मोनिंदर पंढेर का आज सुबह गौतमबुद्ध नगर जिला जेल पहुंचा. दोपहर लगभग 1.40 बजे पंढेर की जेल से रिहाई हुई. इस दौरान जेल के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. इसे कवर करने मीडिया की बड़ी संख्या में जिला जेल के बाहर मौजूद रही. लेकिन पंढेर निकलने के बाद किसी से बात नहीं की।

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