मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि पर ASI ने कही ये बात, जानिए क्या है पूरा मामला
Mathura Krishna Janmabhoomi Temple: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने एक RTI के जवाब में कहा कि औरंगजेब ने मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि परिसर में स्थित मंदिर को ध्वस्त कर दिया था। यह जानकारी मैनपुरी के अजय प्रताप सिंह द्वारा दायर RTI के जवाब में दी गई थी। ASI ने 1920 में प्रकाशित ब्रिटिश गजट का हवाला देते हुए कहा कि मस्जिद के स्थान पर पहले कटरा केशवदेव मंदिर था। ASI ने यह भी कहा कि मस्जिद के निर्माण के दौरान मंदिर के अवशेषों का उपयोग किया गया था।
हिंदू पक्ष के समर्थन में है ASI का जवाब
यह जानकारी मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद में महत्वपूर्ण हो सकती है। हिंदू पक्ष का दावा है कि शाही ईदगाह मस्जिद को मंदिर को ध्वस्त करके बनाया गया था, जबकि मुस्लिम पक्ष का दावा है कि मस्जिद 17वीं शताब्दी से पहले से मौजूद है। ASI का यह जवाब हिंदू पक्ष के दावे का समर्थन करता है। यह विवाद अभी भी अदालत में चल रहा है, और यह देखना बाकी है कि ASI का यह जवाब अदालत के फैसले को कैसे प्रभावित करेगा। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ASI का यह जवाब केवल एक राय है, और यह विवाद का अंतिम समाधान नहीं है। विवाद का अंतिम समाधान केवल अदालत ही कर सकती है।
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जानिए क्या है श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद
मथुरा और श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद 13.37 एकड़ जमीन पर मालिकाना हक से जुड़ा हुआ है। यह विवाद 16वीं शताब्दी से चल रहा है, जब मुगल सम्राट औरंगजेब ने कथित तौर पर भगवान कृष्ण के जन्मस्थान पर एक मस्जिद बनवाई थी। हिंदू पक्ष का दावा है कि यह मस्जिद एक मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी, जबकि मुस्लिम पक्ष का कहना है कि मस्जिद का निर्माण वैध था। यह विवाद 1968 में अदालत में गया, जब श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान ने शाही ईदगाह ट्रस्ट के साथ समझौता किया। इस समझौते में 13.7 एकड़ जमीन पर मंदिर और मस्जिद दोनों बनने की बात हुई थी।
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