
Maalik Promotion: मालिक के प्रमोशन में शांति और आस्था की झलक: राजकुमार राव और मनुषी छिल्लर का बंगला साहिब गुरुद्वारा दौरा
11 जुलाई 2025 को बड़े पर्दे पर रिलीज़ होने वाली बहुप्रतीक्षित फिल्म “मालिक” में राजकुमार राव और मनुषी छिल्लर मुख्य भूमिका में नजर आने वाले हैं। फिल्म की सफलता और शुभारंभ की शुरुआत की गई एक शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक कदम के साथ—दिल्ली के प्रसिद्ध गुरुद्वारा बंगला साहिब में दोनों कलाकारों ने गया आशीर्वाद लेने।
Maalik Promotion: गुरुद्वारा की पावन वाणी से मिली ऊर्जा
गुरुद्वारा बंगला साहिब, जहाँ सभी धर्मों और जातियों के लोग लंगर की सेवा और अमृत की बेला लेते हैं, वहां राजकुमार राव और मनुषी छिल्लर ने गुरुओं की शिक्षाओं को महसूस किया। उन्होंने गुरुद्वारे की साफ़-सफाई में भक्तिमय नजर से हिस्सा लिया और लंगर सेवा में स्वयं हाथ बटाया—यह दृश्य सोशल मीडिया पर खूब वायरल भी हुआ। इस मौके पर कलाकारों ने कहा कि इस आध्यात्मिक अनुभव से “मालिक” के प्रमोशन में उन्हें मानसिक संतुलन और सकारात्मक ऊर्जा मिली।
फिल्म “मालिक”—गैंगस्टर ड्रामा की धमाकेदार शुरुआत
पुलकित द्वारा निर्देशित यह फिल्म 1980 के दशक की पृष्ठभूमि में बन रही है। राजकुमार राव एक गैंगस्टर के किरदार में बदलकर एक तेज़, सामाजिक और संवेदनशील कहानी पर्दे पर लाने वाले हैं। मनुषी छिल्लर, जो पहले मिस वर्ल्ड रही हैं, इस फिल्म में एक सशक्त भूमिका निभाते हुए राजकुमार के साथ कैमिस्ट्री दिखाएँगी। 11 जुलाई को रिलीज़ हो रही फिल्म एक्शन, ड्रामा और सामाजिक विषयों का संगम प्रस्तुत करती है।
Maalik Promotion: प्रमोशन स्ट्रैटेजी और आध्यात्मिक जुड़ाव
— गुरुद्वारे की पवित्रता से जुड़कर यह प्रमोशनल इवेंट दर्शकों के मन में “मालिक” के प्रति एक अलग लड़ाकू और सकारात्मक छवि बनाएगा।
— आजकल फिल्म प्रमोशन में जहाँ ग्लैमर ही ग्लैमर होता है, वहीँ इस तरह की आध्यात्मिक शुरुआत यह दर्शाती है कि फिल्म सिर्फ़ स्क्रीन पर नहीं, बल्कि दिलों में भी उतरती है।
— सोशल मीडिया पर वायरल यह वीडियो— जिसमें राजकुमार राव और मनुषी छिल्लर लंगर करते, सिर ढकते और अमृत पाते हुए दिख रहे हैं—ने दर्शकों का ध्यान खींचा और उनकी भावनात्मक जुड़ाव को और गहरा किया।
इस लेख के माध्यम से न केवल “मालिक” के लिए एक भावनात्मक और आध्यात्मिक लॉन्च हुआ, बल्कि यह दर्शकों को यह भी दिखाता है कि आज के कलाकार अपने काम से पहले आस्था और मानवता को भी महत्व देते हैं। आपने इस पहल को कैसे पाया? अपने विचार जरूर साझा करें!