संसद सदस्यता के खतरे पर बोलीं Mahua Moitra, सबूत मिलने से पहले सजा ये तो सिर्फ कंगारू कोर्ट में होता है

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Mahua Moitra: तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा इन दिनों मुश्किलों में है. ऐसा कहा जा रहा है कि संसद की एथिक्स कमिटी कैश फॉर क्वेरी मामले में महुआ की संसद सदस्यता के निलंबित करने के लिए स्पीकर को रिपोर्ट सौंप सकती है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मोइत्रा ने कहा कि ये देश की पहली एथिक्स कमिटी होगी जो अनैतिक रूप से एक सदस्य को निलंबित करने की बात कह रही है.

मोइत्रा ने एक्स पर लिखा पोस्ट

सांसद महुआ मोइत्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि देश के संसदीय इतिहास में यह पहली एथिक्स कमिटी है जो किसी सांसद को अनैतिक रूप से निलंबित करने की बात कह रही है. ये वह कमिटी है जो पहले मेरी सदस्यता रद्द करने जा रही है और उसके बाद सीबीआई से मेरे खिलाफ सबूत निकालने को कह रही है. यानी कि सबूत मिलने से पहले ही दंड. ऐसा तो कंगारू अदालतों में ही होता है. मुझे गर्व है कि मेरे साथ ऐसा हो रहा है.

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महुआ का सरकार पर आरोप

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि वे कहते हैं कि संकट के अच्छे मौके को कभी बर्बाद नहीं करना चाहिए. 2024 में मुझे अपनी जीत का अंतर डबल करने में मदद मिलेगी. गुरुवार को टीएमसी ने महुआ मोइत्रा का पुरजोर समर्थन किया. टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने दावा किया कि जो भी सरकार से प्रश्न पुछता है, उसे केंद्र की एनडीए सरकार परेशान करती है. यह प्रतिशोध की राजनीति है. बनर्जी ने कहा कि जो कोई भी अडाणी मुद्दे पर सरकार से सवाल पूछ रहा है, उसे परेशान किया जा रहा है.

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