Maha Mrityunjaya Mantra: सावन के महीने में शिव जी को प्रसन्न करने के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना अत्यधिक लाभकारी माना जाता है। यह एक शक्तिशाली मंत्र है, जिसे रोजाना जाप करने के कई लाभ होते हैं। मान्यता है कि सावन के दौरान महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से व्यक्ति की कई अधूरी इच्छाएं पूरी होती हैं। इसे मृत संजीवनी मंत्र के नाम से भी जाना जाता है। इस वर्ष सावन 22 जुलाई 2024 से प्रारंभ हो रहा है। आइए जानते हैं कि सावन में महामृत्युंजय मंत्र जाप के क्या लाभ हैं और इसका धार्मिक महत्व क्या है।
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ।
सावन में महामृत्युंजय मंत्र जाप का महत्व
भगवान शिव के अनेक स्वरूपों में एक महामृत्युंजय स्वरूप भी है महादेव को मृत्युंजय भी कहा जाता है। वहीं महामृत्युंजय मंत्र में भगवान शिव के महामृत्युंजय स्वरूप से आयु की रक्षा प्रार्थना की गई है।
शास्त्रों के अनुसार, इस मंत्र में अकाल मृत्यु तक को टालने की शक्ति होती है। मृत्यु निश्चित है लेकिन ग्रंथों के अनुसार इसका नियम अनुसार पालन किया जाए तो व्यक्ति मृत्यु के मुंह से भी बाहर आ सकता है। इसके उच्चारण से भक्तों को लंबी आयु मिलती है ये भय, रोग,कष्ट सबको दूर करता है।
सावन में महामृत्युंजय मंत्र की शक्ति और भी बढ़ जाती है धर्म ग्रथों और शास्त्रों की मानें तो महामृत्युंजय मंत्र का जप करने से अनेक रोगों से मुक्ति मिल सकती है पापों से छुटकारा मिलता है।
वैज्ञानिक दृष्टि में महामृत्युंजय मंत्र
महामृत्युंजय मंत्र के अक्षरों का विशेष स्वर के साथ उच्चारण किया जाए तो उससे उत्पन्न होने वाली ध्वनी से शरीर में कंपन होता है, जिससे हमारे शरीर में एक सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह पैदा होता है और वो हमारे शरीर की नाड़ियों को शुद्ध करने में मदद करता है।
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