Lok Sabha Election: आने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर देश की सियासत में जबरदस्त घमासान चल रहा है। जहां सभी राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने प्रचार प्रसार में लगे हुए है। वहीं, इन दिनों बीजेपी के घोषणा पत्र को लेकर लगातार बातें तेज हो रही है जिसके बाद असदुद्दीन ओवैसी ने दावा किया है कि बीजेपी ने अपने लोकसभा चुनाव के घोषणापत्र में “अल्पसंख्यकों” का उल्लेख नहीं किया है। उन्होंने “अल्पसंख्यक” के बजाय “हाशिये पर रहने वाले समुदाय” शब्द का इस्तेमाल किया ओवैसी ने दावा किया कि बीजेपी के विज्ञापन में उन्होंने एसटी और ओबीसी का जिक्र किया, लेकिन अल्पसंख्यकों का जिक्र नहीं किया क्योंकि उन्हें ‘एम’ शब्द से बहुत नफरत है।
बीजेपी को एम शब्द से बहुत नफरत है- ओवैसी
इसके साथ ही AIMIM अध्यक्ष ओवैसी ने आगे कहा कि मैंने 17 अप्रैल को विभिन्न समाचार पत्रों में बीजेपी का विज्ञापन देखा है। कृपया देखें कि जब वे सरकार से व्यवसाय शुरू करने के लिए ऋण या मदद देने की बात करते हैं, तो यह एसटी और ओबीसी कहता है। बीजेपी अल्पसंख्यक शब्द का उल्लेख करने से भी इनकार कर देती है। मुसलमानों के बारे में भूल जाओ अल्पसंख्यक शब्द का उल्लेख भारत के संविधान में किया गया है और बीजेपी को एम शब्द से बहुत नफरत है।
ओवैसी का आरोप
इसके साथ ही ओवैसी ने कहा कि बीजेपी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में नागरिकता संशोधन कानून और समान नागरिक संहिता लागू करने का वादा किया है। पार्टी ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ लागू करने की अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराई। इसके आगे असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि दलित और मुस्लिम समुदायों में स्कूल छोड़ने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है। उन्होंने बीजेपी परयह सुनिश्चित करने का आरोप लगाया कि मुस्लिम समुदाय में स्कूल और स्कूली शिक्षा छोड़ने का दर बढ़ता रहे।
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