Lapata ladies review: मजाक मजाक में लापता लेडीज ने दिया एक बड़ा सामाजिक मैसेज
Lapata ladies review: आमिर खान प्रोडक्शन की फिल्म लापता लेडीज हाल ही में ओटीटी प्लेटफॉर्म यानी कि नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई है. इस फिल्म को रिलीज होने के बाद बहुत अच्छा रिस्पांस देखने को मिल रहा है. किरण रवानी इस फिल्म को बनाते-बनाते हंसी मजाक में एक बहुत बड़ा संदेश दे दिया है. पूरी मूवी कॉमेडी थी लेकिन मूवी को कॉमेडी के एंगल से बनाते-बनाते एक सामाजिक मैसेज उसके अंदर छुपा हुआ था. आपको बता दे किस फिल्म के डायरेक्टर किरण राव ने पूरे 13 साल बाद निर्देशन में कदम रखा है. उनकी वापसी में ऐसी फिल्म और ऐसे कलाकारों के साथ दिल को छू लेने वाली है.
कैसी है फिल्म लापता लेडीज
लापता लेडीज बॉलीवुड फिल्मों से अलग काफी यूनीक कॉन्सेप्ट पर बनी है. खाली किरदार ही नहीं बल्कि अभिनय भी बहुत अलग था. इस पूरी फिल्म को बनाने के लिए गांव का और देसी एक्सेंट को उसे किया गया और गांव के लोगों को ही ऑडियंस के रूप में टारगेट किया गया. इस फिल्म के निर्माता का फिल्म बनाने के पीछे यह मकसद था की औरतों को बढ़ावा मिले औरत अपनी जिंदगी खुद जिए औरत आगे काम करें अपनी पसंद का. लोगों को हंसते-हंसते यह फिल्म बनाई गई जिससे लोग हंस-हंसकर मूवी भी देख ले और लोगों के दिमाग में वह सामाजिक मैसेज भी चला जाए.
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क्या है लापता लेडिस की कहानी
अगर हम लापता लेडिस की कहानी की बात करें तो यह कहानी बहुत ही मनोरंजन कहानी है. इस कहानी के अंदर एक दूल्हा दुल्हन की शादी होती है, और शादी की सारी रस्मों के बाद दूल्हा दुल्हन ट्रेन में बैठकर जाते हैं. लेकिन जहां पर ट्रेन के स्टेशन में दुर्घटना से दोनों की दुल्हन चेंज हो जाती है. एक के पास एक की दुल्हन हो जाती है और दूसरे के पास दूसरी की दुल्हन हो जाती है. दोनों ही अपनी-अपनी साइट से पुलिस स्टेशन में कंप्लेंट करते हैं. और वही जो एक दुल्हन होती है वह अपने पति के साथ ना खुश होती है और पूरी कोशिश करती है वहां से भागने की. उसको अपनी पति के साथ जिंदगी अच्छी नहीं लगती क्योंकि उसका पति उसको कभी भी पढ़ने का मौका नहीं देना चाहता था और उसे लड़की को आगे पढ़ाई करनी थी ऑर्गेनिक फार्मिंग के बारे में सीखना था.
लेकिन यह बात पूरी मूवी में छुपी रहती है और यह मूवी का क्लाइमेक्स होता है पहले तो सबको लगता है कि वह लड़की चोर है और वह लड़की एक नेगेटिव किरदार है. लेकिन बाद में जाकर उसे लड़की का असली मकसद पता लगता है कि उसको बस पढ़ाई करनी थी. इसके अलावा एक क्यूट रोमांटिक लव स्टोरी भी देखने को मिलती है जो अलग हुए कपल्स थे वह एक दूसरे को बेहद मिस करते हैं और एक दूसरे का इंतजार करते हैं कि मेरे को वह जरूर लेने आएगा. और वही जो दूसरी औरत का पति था उसे बस दहेज़ से मतलब था और वह बोल रहा था कि दहेज मिलने के बाद लड़की मिले ना मिले एक ही बात है.
मजाक मजाक में फिल्म ने दिया एक बड़ा मैसेज
हमारे समाज की छोटी सोच को टारगेट करती है लापता लेडीज. औरतों के सम्मान के लिए, उनके काम के लिए और उनकी जिंदगी के लिए समर्थन करती है लापता लेडीज. समाज की दहेज वाली सोच को बदलने का प्रस्ताव रखती है लापता लेडीज. औरतों औरतों को काम न करने देना, औरतों को चूल्हा चौकी से दूर करती है लापता लेडीज. इस फिल्म में काफी हंसने वाले किरदार और सीन है. इस फिल्म में रवि किशन ने दरोगा का रोल निभाया है और वह बेहद शानदार है. कैसे वह लड़की मदद करता है और समाज को एक नया रास्ता दिखाता है यह भी काफी शानदार है.
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