
Kedarnath Helicopter Crash: “आसमान से आई मौत केदारनाथ हेलिकॉप्टर हादसे ने छीने 7 अनमोल जीवन”
उत्तराखंड के केदारनाथ में 15 जून 2025 को हुआ एक दर्दनाक हेलिकॉप्टर हादसा पूरे देश को झकझोर गया । यह हादसा उस समय हुआ जब एक निजी कंपनी आर्यन एविएशन का बेल 407 हेलिकॉप्टर केदारनाथ से गुप्तकाशी की ओर उड़ान भरते ही गौरीकुंड के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया । हेलिकॉप्टर घने बादलों और खराब मौसम के कारण पहाड़ी से टकराया और उसमें आग लग गई ।
Kedarnath Helicopter Crash: इस हादसे में सात लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जिनमें छह श्रद्धालु और एक पायलट शामिल थे । श्रद्धालुओं में एक 2 साल का मासूम बच्चा भी शामिल था । पायलट कैप्टन राजवीर सिंह चौहान सेना से रिटायर्ड थे और दो महीने पहले ही पिता बने थे ।
घटना सुबह करीब 530 बजे हुई । हेलिकॉप्टर ने खराब मौसम की चेतावनी के बावजूद उड़ान भरी थी, जबकि उस समय येलो अलर्ट जारी था । शुरुआती जांच में यह हादसा Controlled Flight Into Terrain( CFIT) माना जा रहा है, जिसमें हेलिकॉप्टर मौसम या विज़िबिलिटी की वजह से पहाड़ से टकरा जाता है ।
यह हादसा पिछले छह सप्ताहों में चार्टर्ड उड़ानों के दौरान छठा बड़ा हादसा है, जिससे चारधाम यात्रा की हवाई सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं । इससे पहले 8 मई को उत्तरकाशी में भी ऐसा ही हादसा हुआ था, जिसमें 6 लोगों की मौत हुई थी ।
घटना के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने आर्यन एविएशन की सेवाएं निलंबित कर दी हैं, और दो पायलटों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं । उत्तराखंड सरकार ने हेलिकॉप्टर सेवाओं को दो दिनों के लिए रोकने और नई bribe( Standard Operating Procedure) तैयार करने के निर्देश दिए हैं ।
Kedarnath Helicopter Crash: राष्ट्रीय आपदा मोचन बल( NDRF), राज्य आपदा बल( SDRF) और स्थानीय प्रशासन ने राहत व बचाव कार्य किया और सभी शवों को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा ।
इस हादसे ने एक बार फिर साबित कर दिया कि हिमालयी क्षेत्रों में हेलिकॉप्टर यात्रा आसान नहीं होती । अब समय आ गया है कि सरकार और एविएशन कंपनियां इस क्षेत्र में सुरक्षा, मौसम निगरानी और अनुभवयुक्त पायलटों की नियुक्ति को प्राथमिकता दें, ताकि भविष्य में ऐसी दर्दनाक घटनाओं से बचा जा सके ।
यह हादसा सिर्फ एक तकनीकी विफलता नहीं, बल्कि दर्जनों परिवारों की उम्मीदों का अंत था ।