Article 370 खत्म करने के खिलाफ याचिकाओं को खारिज करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे कश्मीरी पंडित

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जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को केंद्र सरकार ने लगभग 4 साल पहले समाप्त कर दिया था। लेकिन अब धारा 370 को हटाने के सरकार के फैसले के समर्थन में कश्मीरी हिंदू सुप्रीम कोर्ट के सामने अपनी गुहार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हिंदू पक्ष के लोगों ने धारा 370 को खत्म करने के विरोध में लगी सभी याचिकाओं को खारिज करने की मांग की है। जिसमें कहा गया, कि सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खत्म कर दिया जाए। अब, CJI डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बी.आर. गवई, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस संजय किशन की मौजूदगी वाली संविधान पीठ आने वाली 2 अगस्त से इन सभी मामलों पर सुनवाई करेगी।

मांग करने वाले संगठन का दावा

यूथ 4 पनून कश्मीर ने अपनी दलील में कहा, कि संविधान के अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35-ए ने संविधान की मूल संरचना का उल्लंघन किया है, जिसके माध्यम से संविधान को कभी मुख्य कानून का आधार नहीं माना गया। कश्मीरी पंडित कौल ने अपने जवाबदावे में कहा, कि अनुच्छेद 370 भेदभावपूर्ण था. क्योंकि यह देश के नागरिकों दो वर्गों में विभाजित करता है। जिसमें से एक पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर प्रदेश के लिए और दूसरा शेष भारत। लेकिन समय-समय पर इसके अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने के बाद यह सामाजिक भेदभाव समाप्त हो गया है।

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5 अगस्त 2019 को हटाई थी धारा 370

5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 और 35-ए को निरस्त कर दिया था। जिसके बाद राज्य और केंद्र की राजनीति में काफी राजनीतिक बवाल देखने को मिला था। केंद्र सरकार ने संविधान के इन दोनों प्रावधानों को खत्म करके जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था।

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