Kashmir: हथियार नहीं, लैपटॉप चाहिए: अमित शाह का कश्मीर के लिए संदेश।

हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले का दौरा किया, जो ऑपरेशन सिंदूर के बाद उनका पहला दौरा था। इस ऑपरेशन के तहत भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में आतंकवादियों के खिलाफ सफल कार्रवाई की थी। पाकिस्तान की ओर से की गई क्रॉस-बॉर्डर गोलाबारी से प्रभावित स्थानीय निवासियों से मुलाकात करते हुए शाह ने कहा, "हम जानते हैं कि सरकारी नौकरियां आपके नुकसान की भरपाई नहीं कर सकतीं, लेकिन सरकार आपके साथ खड़ी है।"

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Kashmir: शाह ने युवाओं से अपील की कि वे पत्थर और हथियार छोड़कर लैपटॉप उठाएं और जम्मू-कश्मीर के विकास में भागीदार बनें। उन्होंने कहा, “जिन्होंने आपके हाथों में पत्थर और हथियार दिए, वे आपका भला नहीं चाहते। सरकार आपके हाथों में लैपटॉप देना चाहती है ताकि आप अपना भविष्य संवार सकें।”

उन्होंने यह भी बताया कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की घटनाओं में 70% की कमी आई है और पत्थरबाजी की घटनाएं लगभग समाप्त हो गई हैं। अब घाटी में युवा शिक्षा और तकनीक की ओर अग्रसर हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि जम्मू-कश्मीर में अब तक 2.11 करोड़ पर्यटक आ चुके हैं, जो एक नया रिकॉर्ड है। इसके अलावा, कई नई फिल्में और धारावाहिक भी यहां शूट किए जा रहे हैं, जिससे क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं।

Kashmir: अंत में, शाह ने कहा कि सरकार का लक्ष्य एक ऐसा जम्मू-कश्मीर बनाना है जहां कोई भी आतंकवाद के कारण अपनी जान न गंवाए। उन्होंने कहा, “वह दिन दूर नहीं जब किसी के हाथ में हथियार नहीं होंगे और शांति स्थापित होगी।”

अमित शाह का यह दौरा न केवल सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण था, बल्कि यह स्थानीय लोगों को यह विश्वास दिलाने का प्रयास भी था कि केंद्र सरकार उनके साथ है और जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए प्रतिबद्ध है

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