Kanwar Yatra 2025: SDRF की सतर्कता से बचे कई श्रद्धालु, हरिद्वार में गंगा नदी में डूबते समय बचाए गए कांवड़िये

हरिद्वार, जुलाई 2025 – सावन महीने में जारी कांवड़ यात्रा के दौरान SDRF (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) की सतर्कता और तत्परता एक बार फिर लोगों की जान बचाने में कारगर साबित हुई है। भारी बारिश और गंगा में जलस्तर बढ़ने के चलते हरिद्वार के विभिन्न घाटों पर कई कांवड़िये डूबते-डूबते बचे। SDRF ने अपनी सूझबूझ और फुर्ती से अब तक कम से कम 6 श्रद्धालुओं की जान बचाई है।

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Kanwar Yatra 2025: कांगड़ा घाट पर हुआ बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन

SDRF की टीम ने कांगड़ा घाट पर नहाते समय डूब रहे 6 कांवड़ियों को सुरक्षित बाहर निकाला। पानी के तेज बहाव में कांवड़िये बहने लगे थे लेकिन SDRF के जवानों ने बिना देर किए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर सभी को सुरक्षित तट पर पहुंचाया। यह घटना वहां मौजूद लोगों ने कैमरे में कैद कर ली और सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। लोगों ने SDRF के जज्बे और साहस की जमकर सराहना की है।

प्रेम नगर आश्रम घाट पर एक और जान बची

11 जुलाई को प्रेम नगर आश्रम घाट, हरिद्वार में SDRF की डीप डाइविंग टीम ने 20 वर्षीय श्रद्धालु श्री संजय (बरेली, यूपी निवासी) को डूबने से बचाया। SDRF के अनुसार, “SDRF उत्तराखंड की तत्परता ने एक और जीवन बचा लिया।” यह घटना यह साबित करती है कि SDRF किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार है।

Kanwar Yatra 2025: हरिद्वार पुलिस और प्रशासन की सख्ती

हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमोद सिंह डोबाल ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर हरिद्वार पुलिस ने सभी श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था की है। यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए कांवड़ ट्रैक का निर्माण किया गया है। SSP डोबाल ने कहा, “हरिद्वार पुलिस सभी श्रद्धालुओं का स्वागत करती है लेकिन कोई भी व्यक्ति कानून को अपने हाथ में नहीं ले सकता।”

निष्कर्ष

कांवड़ यात्रा 2025 के दौरान SDRF और हरिद्वार पुलिस की मुस्तैदी और सक्रियता से कई जानें बचाई गईं। SDRF का यह प्रयास न केवल प्रशंसनीय है बल्कि आने वाले समय में आपदा प्रबंधन और जन सुरक्षा के लिए एक प्रेरणा भी है। यात्रियों से भी अपील की गई है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और सावधानी बरतें ।

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