Muharram के जूलूस में शामिल होने से कश्मीरी वोट नहीं मिलेंगे, NC नेता फारूख अब्दुल्ला का बड़ा बयान
Farooq Abdullah: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला तीन दशक के बाद घाटी में मुहर्रम के जूलूस में शामिल हुए। वर्ष 1989 में घाटी की खराब हालातों के कारण मुहर्रम के अवसर पर अनुमति नहीं दी जाती थी। मुहर्रम के मौके पर शोक जूलूस में शामिल हुए फारूख अब्दुल्ला ने कहा, कि बीजेपी मुसलमानों के वोट का इस्तेमाल करना चाहती है। लेकिन बीजेपी की वोट प्राप्त करने के लिए मुहर्रम में शामिल होने से वोट लेने की मंशा पूरी नहीं होगी।
प्रधानमंत्री मणिपुर मुद्दे पर संसद में जवाब दें
नेशनल कांफ्रेंस अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला जदीबल श्रीनगर में मोहर्रम जुलूस में शरीक हुए थेष जिसके बाद उन्होनें मीडिया कहा, कि हम प्रार्थना करते हैं, कि मणिपुर और देश के बाकी हिस्सों में जारी हिंसा और अत्याचार की घटनाएं खत्म हो जाएं। उन्होंने यह भी कहा, ”उम्मीद है कि पीएम मोदी संसद में मणिपुर मुद्दे पर जल्द ही विपक्ष और मणिपुर के सवालों का जवाब देंगे.” बता दें, कि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी श्रीनगर में मोहर्रम जुलूस में भारी सुरक्षा के बीच शामिल हुए थे। फारूख अब्दुल्ला के शामिल होने के साथ अन्य लोगों में श्रीनगर के मेयर जुनैद मट्टू और पार्टी व अन्य राजनीतिक दलों के नेता भी मौजूद रहे।
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मनोज सिन्हा बोलें, कर्बला शहीदों को नमन
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, कि वह हजरत इमाम हुसैन और कर्बला के शहीदों द्वारा दिए गए बलिदान को वह अपनी अंतर्रआत्मा से याद करते हैं. साथ ही उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने अपने आधिकारिक प्रवक्ता के माध्यम से कहा, कि जम्मू-कश्मीर में नये सूरज का उदय हो रहा है। इस कार्यक्रम ने बदलते कश्मीर का संदेश देश को दिया है।
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