ISRO का पहला सूर्य मिशन Aditya L-1 इतिहास रचने के करीब, निर्धारित सौर कक्षा आज करेगा प्रवेश
ISRO Sun Mission: भारत का पहला सूर्य मिशन आदित्य-एल1 (ISRO Sun Mission) अपने लक्ष्य तक पहुंच गया है. यह लैग्रेंजियन प्वाइंट 1 (एल1) तक पहुंचने की अपनी यात्रा के अंतिम चरण में है. हाल ही में इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने मीडिया को बताया था, ”आदित्य-L1 6 जनवरी को शाम 4 बजे अपने L1 बिंदु पर पहुंचने वाला है. साथ ही उन्होंने कहा था कि अपने आखिरी पड़ाव पर पहुंचने के बाद अंतरिक्ष यान बिना किसी ग्रहण के सूर्य को देख सकेगा. आइये इस मिशन के बारे में विस्तार से जानते हैं.
श्रीहरिकोटा से लांच हुआ था आदित्य-L1
आदित्य-L1 को 2 सितंबर, 2023 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया था. यह पृथ्वी की कक्षा में 16 दिन बिताएगा, जिसके दौरान इसकी कक्षा को बढ़ाया जाएगा ताकि यह सूर्य के करीब पहुंच सके. इसके बाद, यह एल1 पॉइंट की ओर बढ़ने के लिए अपनी कक्षा बदल देगा.
एल1 पॉइंट क्यों है महत्वपूर्ण?
एल1 पॉइंट एक ऐसा स्थान है जहां सूर्य और पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल एक-दूसरे को संतुलित करते हैं. यह सूर्य के चारों ओर एक स्थिर कक्षा प्रदान करता है, जिससे आदित्य-L1 को सूर्य के करीब से अध्ययन करने की अनुमति मिलती है. आदित्य-L1 में सात पेलोड हैं जो सूर्य के वायुमंडल, सौर विस्फोटों और पृथ्वी के निकट अंतरिक्ष के मौसम का अध्ययन करेंगे. यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक उपलब्धि होगी और सूर्य के बारे में हमारी समझ में सुधार करने में मदद करेगा.
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आदित्य-L1 के कुछ प्रमुख लक्ष्य
- सूर्य के वायुमंडल के विभिन्न स्तरों का अध्ययन करना, जैसे कि क्रोमोस्फीयर और कोरोना.
- सौर विस्फोटों की उत्पत्ति और विकास को समझना.
- पृथ्वी के निकट अंतरिक्ष के मौसम का अध्ययन करना.
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