Iran-Israel War: “फोर्डो-नतांज पर बम, दिल्ली से आई डिप्लोमेसी की आवाज़”

हाल ही में अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए भीषण हवाई हमलों ने पूरे पश्चिमी एशिया में तनाव की स्थिति को और अधिक गंभीर बना दिया है। शनिवार रात अमेरिका ने ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फहान स्थित प्रमुख परमाणु केंद्रों पर बी-2 स्टील्थ बॉम्बर्स और टोमहॉक मिसाइलों से हमला किया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे "भव्य सैन्य सफलता" बताया और दावा किया कि ये परमाणु ठिकाने पूरी तरह से नष्ट कर दिए गए हैं।

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Iran-Israel War: इस हमले के बाद वैश्विक स्तर पर प्रतिक्रिया देखने को मिली। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियान से रविवार को 45 मिनट तक बातचीत की और तत्काल तनाव कम करने, संवाद और कूटनीति के रास्ते पर लौटने की अपील की। पीएम मोदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, “ईरान के राष्ट्रपति से मौजूदा स्थिति पर विस्तार से चर्चा की। हालिया तनाव पर गहरी चिंता जताई। क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और स्थिरता की दिशा में संवाद और कूटनीति ही आगे का रास्ता है।”

ईरान के राष्ट्रपति पेज़ेश्कियान ने भारत को क्षेत्रीय शांति और स्थिरता में एक विश्वसनीय साझेदार बताया और प्रधानमंत्री मोदी का इस संकट पर भारत की संतुलित भूमिका के लिए आभार जताया।

Iran-Israel War: इस हमले की कड़ी निंदा पाकिस्तान ने भी की है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “हम क्षेत्र में तनाव बढ़ने की आशंका से गंभीर रूप से चिंतित हैं।” बयान में कहा गया कि अमेरिका द्वारा तीन प्रमुख परमाणु स्थलों पर हमला, ईरान और इज़राइल के संघर्ष में आधिकारिक रूप से भागीदारी का संकेत देता है।

दूसरी ओर, यह हमला ऐसे समय हुआ है जब हाल ही में ट्रंप को 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया है, पिछले महीने भारत-पाकिस्तान संघर्ष में उनकी कथित “राजनयिक भूमिका” के आधार पर। यह विरोधाभास अंतरराष्ट्रीय राजनीति की जटिलता को भी उजागर करता है।

इस पूरे घटनाक्रम ने मध्य एशिया को एक बार फिर युद्ध के मुहाने पर ला खड़ा किया है। अब सबकी नजरें आने वाले दिनों में भारत, चीन, रूस जैसे वैश्विक शक्ति केंद्रों की प्रतिक्रिया और मध्यस्थता की कोशिशों पर हैं।

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