Indira Gandhi: देश की ‘गूंगी गुड़िया’ ने कैसे संभाली सत्ता की बागडोर, जानिए उनके कुछ ऐतिहासिक फैसले

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Indira Gandhi: हमारे देश में कई महान महिलाएं हुई हैं जो नारी शक्ति की मिसाल पेश करती हैं. आज के समय में महिलाओं को शिक्षा पाने, सपने देखने, करियर बनाने और आर्थिक रूप से मजबूत बनने के लिए प्रोत्साहित करने वाली महिलाओं की सूची में सबसे पहला नाम इंदिरा गांधी का आता है. वह देश की पहली महिला प्रधानमंत्री हैं, उनके बाद अब तक कोई महिला प्रधानमंत्री नहीं बनी है.

देश की पहली महिला प्रधानमंत्री

इंदिरा स्वतंत्र भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी. आजादी के 76 साल में देश को इंदिरा के बाद कोई महिला प्रधानमंत्री नहीं मिली है. प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने  कई सशक्त फैसले लिए, जिससे पूरे देश में क्रांति आ गई.

Indira Gandhi

भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के घर 19 नवंबर 1917 को एक बेटी पैदा हुई, जिसका नाम इंदिरा रखा गया. वह 1938 में औपचारिक रूप से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में जुड़ गई और अपने पिता के राजनीतिक कार्यों में मदद करने लगीं.

इंदिरा के कंधो पर आई जिम्मेदारी

जब जवाहरलाल नेहरू की मौत हुई तो कांग्रेस पार्टी की जिम्मेदारी इंदिरा गांधी के कंधो  पर आ गई. वह लाल बहादुर शास्त्री के मंत्रिमंडल में थीं. शास्त्री जी की मौत के बाद उन्हें प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाया गया ताकि उन्हें नेहरू के उत्तराधिकारी के रूप में राजनीति में लाया जा सके. उस समय तक उन्हें ‘गूंगी गुड़िया’ कहा जाता था. 1966 में जब उनको  देश का प्रधानमंत्री बनने का मौका मिला तो देश ने इस गूंगी गुड़िया के फैसलों की गूंज हर तरफ थी.

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इंदिरा गांधी के ऐतिहासिक फैसले

• इंदिरा  ने अपने कार्यकाल के दौरान कई ऐतिहासिक फैसले लिए जिसमें एक बैंकों का राष्ट्रीयकरण भी था. दरअसल, 1966 में भारत में मात्र 500 बैंक शाखाएँ थीं. जिस वजह से आम आदमी बैंक में पैसा जमा नहीं कर पा रहा था. बैंकों का लाभ हर आम इंसान तक पहुंचे इसके लिए उन्होंने ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया. उनका फैसला देश के विकास में महत्वपूर्ण था.

• इसके अलावा कांग्रेस का बंटवारा भी उनका  एक बड़ा फैसला था. जब कांग्रेस सिंडिकेट इंदिरा को पद से हटाने की तैयारी करने लगा तो उन्होंने ने पार्टी में विभाजन कर उस दौर की राजनीति का सबसे दबंग और हिटलरशाही फैसला लिया.

• भारत के आजादी के बाद से ही भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष जारी था. पाकिस्तान के गलत रवैया के वजह से बहुत से बंगाली लोग भारत आने शुरू हो गए. पाकिस्तान को अमेरिका का सपोर्ट मिल रहा था लेकिन इंदिरा किसी से नहीं डरती थीं. उन्होंने पूर्वी पाकिस्तान पर हमले का आदेश देकर उस क्षेत्र को आज़ाद कराया और बांग्लादेश के निर्माण में मदद की.

• इंदिरा के शासनकाल का सबसे बड़ा और विवादास्पद निर्णय आपातकाल था. 1971 में इंदिरा पर चुनाव में सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का ओरोप लगा. इस पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 1975 का लोकसभा चुनाव कैंसल कर दिया. उनके   इलेक्शन लड़ने पर रोक लगा दी गई थी. विपक्ष इंदिरा से इस्तीफे की मांग करने लगा था. लेकिन उन्होंने  अपोज़िशन और कोर्ट के विरुद्ध जाकर भारत में ‘इमरजेंसी’ लागू कर दी. प्रेस की आज़ादी खत्म कर दी गई और कई बड़े बदलाव किए गए.

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