Scotland में भारतीय उच्चायुक्त को Gurudwara में जाने से रोका, BJP नेता ने की घटना की निंदा
Scotland Gurudwara: कनाडा में चल रहे खालिस्तान विवाद के बीच स्कॉटलैंड के एक गुरुद्वारे में लोगों से मिलने गए भारतीय उच्चायुक्त को अंदर जाने से गया. वहीं यह घटना तब हुआ है जब खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या को लेकर विवाद चल रहा है. वहीं भारतीय उच्चायुक्त ने अपने साथ गुरुद्वारे में हुई बदतमीजी का मुद्दा ब्रिटेन के सामने उठाया है.
खबर के अनुसार भारत के उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी को ग्लास्गो के गुरुद्वारे में जाने से कुछ चरमपंथियों ने रोका है. वहीं चरमपंथियों से बहस करने के बजाय भारतीय उच्चायुक्त ने वहां से जाना ठीक समझा. इस घटना पर भाजपा नेता सिरसा ने कहा कि किसी भी धर्म या समुदाय का व्यक्ति गुरुद्वारे में आ सकता है. हमारा धर्म हिंसा करना नहीं सिखा है, बल्कि हम लोग वो हैं, जो मानवता की रक्षा करते हैं.
K-terrorists block entry of Indian ambassador to UK inside Glasgow gurudwara –
Gurdwara Comittee invites the Indian High Commissioner. K's learn about it and reach the glasgow gurdwara and blocked his entry. Insulted the Comittee members.
They even tried to open the car door… pic.twitter.com/89f9Y1pIsD
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) September 30, 2023
हमारी पीढ़ियों को बदनाम किया जा रहा- सिरसा
दरअसल भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने आगे कहा कि भारतीय उच्चायुक्त के साथ स्कॉटलैंड में जो हुआ है, मैं इसकी कड़े शब्दों में निंदा करता हूं. गुरुद्वारा परमात्मा का घर है. यहां किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाता है. यहां पर इसी वजह से चार दरवाजे होते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि ये लोग सिख धर्म को नहीं समझते हैं या फिर सिखों को बदनाम करने की कोशिश हो रही है. भाजपा नेता ने ये भी कहा कि ये सारा षड्यन्त्र सिर्फ चंद लोगों के जरिए किया जा रहा है. वो लोग इस बात को नहीं समझ रहे हैं कि एक तरह से हमारी पीढ़ियों को बदनाम किया जा रहा है.
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यूके में भारतीय उच्चायुक्त के साथ गुरुद्वारा के सामने बदतमीजी
बता दें कि ग्लासगो गुरुद्वारे की समिति के साथ भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी एक बैठक के लिए पहुंचे थे. परंतु यहां कुछ कट्टरपंथी सिख कार्यकर्ताओं से उन्हें जूझना पड़ा. वहीं भारतीय उच्चायुक्त को गुरुद्वारे के भीतर जाने से ही रोक दिया गया. दरअसल इस दौरान एक खालिस्तान समर्थक ने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि गुरुद्वारा समिति जो कुछ भी हुआ है, उससे बहुत ज्यादा खुश है. परंतु यूके में भारतीय अधिकारियों का किसी भी गुरुद्वारे में स्वागत नहीं किया जाएगा.
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