India-Maldives के मोहब्बत के बीच में खड़ा है चीन का दीवार! जानिए क्यों दोनों देशों को है एक दूसरे की जरुरत?
India-Maldives Relation: मालदीव और भारत के बीच पिछले कुछ दिनों से शुरू हुआ तनाव अभी भी बरकरार है. फिर भी दोनों देशों को एक दूसरे के सहयोग की बहुत जरुरत है. बता दें कि मालदीव के तीन मंत्रियों ने भारत के प्रधानमंत्री के खिलाफ बयानबाजी किया था. जिसके बाद हिंदुस्तान में मालदीव के खिलाफ खूब प्रदर्शन हुआ और वहां के पर्यटन का विरोध शुरू हो गया. जिससे मालदीव के पर्यटन को बड़ा झटका लगा है. वहीं मालदीव को इसके बाद बैकफुट पर आना पड़ा और तीनों मंत्रियों को बर्खास्त करना पड़ा. आइये जानते हैं कि दोनों देशों के बीच मधुर संबंध क्यों जरुरी है?
एक-दूसरे की दोनों देशों को जरूरत
बता दें कि इस घटना के बाद मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव तक की नौबत आ गई. परंतु एक सच्चाई यह भी है कि भारत के बिना मालदीव अधूरा है. वैसे ही मालदीव के बिना हिंदुस्तान भी अधूरा है. दोनों ही देश को एक दूसरे की सख्त जरूरत है. दरअसल दुनिया के मानचित्र में मालदीव एक बहुत ज्यादा छोटा देश है. साथ ही भारत से आकार में भी बहुत कम है. लेकिन इस छोटे से टापू देश का लोकेशन इसे महत्वपूर्ण बनाता है. मालदीव हिंद महासागर में के बीच में बसा हुआ एक देश है. जो दुनिया के प्रमुख समुद्री व्यापारिक रास्तों में से एक है.
वहीं भारत हिंद महासागर में राजनैतिक मामलों से मजबूत है. जिसको पडोसी मुल्क चीन हमेशा से कमजोर करने की कोशिश करते रहता है. वहीं मालदीव के साथ भारत का ताजा तनाव हिंद महासागर में कमजोर कर सकता है. दरअसल, भारत के साथ कड़वाहट को देखते हुए चीन वहां तेजी से निवेश कर रहा है. जिससे एक दिन मालदीव उसके साथ मधुर रिश्ते रखने को मजबूर हो जाएगा. ये भारत के लिए डिप्लोमेटिक स्तर पर अच्छी खबर नहीं होगी.
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मालदीव के लिए भारत का साथ जरुरी
गौरतलब है कि मालदीव की सुरक्षा के लिए भारत उसके सैनिकों की ट्रेनिंग पर पैसे खर्च करता है. एक रिपोर्ट के अनुसार मालदीव की सेना की भारत ही 70 फीसदी ट्रेनिंग करवाता है. उन्हें भारत की मिलिट्री एकेडमी में ट्रेंड किया जाता है. भारत के राजनैतिक मूल्यों के अनुसार अगर मालदीव सुरक्षित है तो समंदर में हम भी सुरक्षित रहेंगे. भारत ने पिछले 10 साल में मालदीवियन नेशनल डिफेंस फोर्स के करीब 1500 जवानों को ट्रेनिंग दी है. साथ ही हवाई रास्तों के जरिए समंदर पर निगरानी रखने के लिए भारत ने मालदीव की सेना को एयरक्राफ्ट और चॉपर्स तक दिए हैं.
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