India-Canada Row: कनाडाई पुलिस ने पिछली गर्मियों में शुरू हुई मंदिर में तोड़फोड़ की घटना के बाद से जांच करते हुए पहली बार किसी को गिरफ्तार किया है. बता दें कि मंदिरों की दीवारों पर स्प्रे पेंट से भारत विरोधी और खालिस्तान समर्थक नारे लिखे गए थे. भारत काफी समय से इस पर कार्रवाई की मांग कर रहा था, जिसका असर अब दिख रहा है.
पुलिस ने व्यक्ति को किया गिरफ्तार
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस की सरे टुकड़ी के एक प्रतिनिधि ने कहा कि 12 अगस्त और 14 अगस्त की घटनाओं के सिलसिले में एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है. हालांकि, गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान नहीं बताई गई है.
कई मंदिरों में तोड़फोड़ की गई
दरअसल, 12 अगस्त को कनाडा के सरे में लक्ष्मी नारायण मंदिर में तोड़फोड़ की गई थी. मंदिर के मुख्य द्वार और दरवाजों को पोस्टरों से फाड़ दिया था. प्रवेश द्वार पर लगे पोस्टरों में टोरंटो और वैंकूवर में भारत के राजदूतों के साथ-साथ ओटावा में इसके उच्चायुक्त के नाम और छवियों के नीचे “वांटेड” शब्द लिखा हुआ था. बता दें कि इस दौरान श्री वेंकटेश्वर महाविष्णु मंदिर और श्री माता भामेश्वरी दुर्गा मंदिर को भी अपवित्र किया गया था.
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भारत पर लगाया था ये आरोप
मंदिरों के बाहर लगाए गए पोस्टर अलगाववादी संगठन सिख फॉर जस्टिस के जाने-माने सदस्य हरदीप निज्जर की हत्या के संबंध में थे. 18 जून को सरे में गुरु नानक सिंह गुरुद्वारा साहिब की पार्किंग में निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. 18 सितंबर को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाउस ऑफ कॉमन्स में भारत की आलोचना करते हुए बयान दिया था. उन्होंने निज्जर की हत्या के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया.
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