Rajasthan के इस शहर में दूल्हा-दुल्हन को सुहागरात से पहले करना पड़ता है, यह खतरनाक काम?
भारतीय संस्कृति में विवाह को एक शुभ कार्यक्रम माना जाता हैं। क्योंकि इससे ना सिर्फ दो दिलों का आपसी मिलन होता हैं। बल्कि दो परिवारों का आपसी जुड़ाव होता हैं। लेकिन भारत में अनेकों जगह ऐसी परंपराएं व सामाजिक रीति-रिवाजें हैं, जिनके बारे में आप सुनकर चौंक जाते होंगे। देश के कई राज्यों में अलग अलग प्रथाएं और कानून हैं. शादी को लेकर भी देश में कई अजीबो गरीब रिवाज देखने को मिलते हैं। कहीं दूल्हा-दुल्हन शादी से पहले साथ रहते हैं तो कहीं एक ही लड़की की शादी घर के सभी भाइयों से की जाती है। लेकिन आज हम बताने जा रहे हैं. एक ऐसी कहानी जिसको जानकर आप भी चौंक सकते हैं।
सुहागरात से पहले जाना पड़ता है श्मशान घाट
दरअसल, राजस्थान के जैसलमेर जिले में स्थित बड़ा गांव हैं. इस गांव में प्रथा मानी जाती हैं, कि शादीशुदा जोड़े को शादी के बाद रात पहाड़ी के ऊपर बने राजपरिवार के खानदानी श्मशान घाट पर पूजा करनी होती। इसमें राजा-रानियों की याद में 103 छतरियां बनीं हैं. बताते हैं, कि रानियों की याद में छतरी बनवाने की परंपरा यहां सदियों पुरानी है. इन छतरियों के नीचे समाधि बनी होती है. बताते हैं, कि किसी के घर में जब कोई भी स्पेशल कार्यक्रम होता है तो उसे सबसे पहले श्मशान घाट पर जाकर पूजा करनी पड़ती है। इसके साथ ही शादी के बाद नवविवाहित जोड़े को पहली पूजा इसी श्मशान घाट में करनी होती हैं।
क्यों की जाती हैं श्मशान घाट की पूजा
कहा जाता हैं कि इस मंदिर में रात के समय पायल खनकने और हुक्का पीने की आवाज आती हैं। लोगों का मानना हैं, कि यहां पर खेत्रपाल महाराज का मंदिर हैं। जिसे लोग अपना कुल देवता मानते हैं। यहां नव विवाहित जोड़े का रात में श्मशान में आना शुभ माना जाता हैं।