“गोली लगी है… नहीं बच पाऊंगा… बेटे का ख्याल रखना”, DSP Humayun Bhatt का शहादत से पहले पत्नी को आखिरी कॉल
Humayun Bhat Killed In Anantnag Encounter: जम्मू कश्मीर के जिला अनंतनाग जिले में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में जम्मू कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं भट्ट गोली लगने की वजह से शहीद हो गए. वहीं जैसे ही डीएसपी हुमायूं को गोली लगी उन्होंने तुरंत अपनी पत्नी फातिमा को वीडियो कॉल किया था. जिस दौरान उन्होंने कहा कि शायद न बचूं, बेटे का ख्याल रखना. बस इन्हीं आखिरी शब्दों के साथ डीएसपी हुमायूं भट्ट देश के माटी के लिए हसते-हसते शहीद हो गए.
दरअसल अनंतनाग में आतंकियों के साथ एनकाउंटर के दौरान सेना के कर्नल मनप्रीत सिंह, 19 राष्ट्रीय राइफल्स के सीओ मेजर आशीष ढोंचक और डीएसपी हुमायूं भट्ट आतंकियों की गोलीबारी की चपेट में आ गए. जिसके बाद सभी घायल सैनिकों को निकालने के लिए पैरा कमांडो ऑपरेशन चलाया गया. परंतु जब तक उन्हें निकाला जाता उनका खून बहुत बह चूका था, जिसकी वजह से डॉक्टरों द्वारा उन्हें नहीं बचाया जा सका. तीनों अधिकारियों ने राष्ट्र के प्रति अपना कर्तव्य निभाते हुए शहीद हो गए. देश के बहादुरों को नमन करते हैं!
शहीद हुमांयू भट्ट के आखिरी शब्द भावुक करने वाले
बता दें कि अनंतनाग के गडूल कोकेरनाग में डीएसपी हुमायूं भट्ट जब आतंकियों की गोली से घायल हुए, उसी वक्त उन्होंने पत्नी फातिमा को वीडियो कॉल कर अपने हालात बयां किए. उनके आखिरी शब्द थे “मुझे गोली लगी है, नहीं लगता कि मैं बच पाऊंगा. हमारे बेटे का ख्याल रखना.”
दरअसल डीएसपी हुमायूं के पेट में गोली लगी थी. वहीं उनकी सास सैय्यद नुसरत ने बताया कि हुमांयू जहां घायल पड़े थे, वो लोकेशन ट्रेस करने में हेलिकॉप्टर को देर लग गई. जब तक उन्हें श्रीनगर के सेना हॉस्पिटल लाया गया, तब तक शायद बहुत देर हो चुकी थी. सेना अस्पताल में पत्नी फातिमा और 29 दिन के बेटे को देखने के बाद हुमायूं ने आखिरी सास ली. आने वाले 27 सितंबर को हुमायूं-फातिमा की शादी का एक साल पूरा होने वाला था.
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पूर्व आईजीपी गुलाम हसन भट्ट बेटे के पार्थिव शरीर के पास चुपचाप खड़े थे
गौरतलब है की शहीद डीएसपी हुमायूं भट्ट के पिता गुलाम हसन भट्ट जम्मू कश्मीर पुलिस में आईजीपी पद से रिटायर हुए थे. बता दें कि सेवानिवृत्त आईजीपी गुलाम हसन भट्ट श्रीनगर में जिला पुलिस लाइन में अपने बेटे डीएसपी हुमायूं भट्ट के शव के पास चुपचाप खड़े रहे. शहीद अधिकारी बेटे के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित करते समय बहादुर पुलिस अधिकारी का साहस व धैर्य भारतीय पुलिस के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा. वहीं उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्य सचिव अरुण मेहता, डीजीपी दिलबाग सिंह और जम्मू-कश्मीर पुलिस के अन्य सभी वरिष्ठ अधिकारी शहीद अधिकारी को अंतिम सम्मान देने के लिए उनके पिता के पीछे खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करते रहे.
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